बाजार ने बजट को नकारा

सेंसेक्स ने 840 व निफ्टी ने 256 अंकों का गोता लगाया;

Update: 2018-02-03 01:44 GMT

मुंबई। खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत से डेढ़ गुणा करने के बारे में बजट में की गई घोषणा से महंगाई बढ़ने और इक्विटी निवेश में एक लाख रुपए से अधिक के दीर्घावधि पूंजीगत लाभ पर 10 प्रतिशत कर लागू किए जाने से सहमे निवेशकों ने आज जमकर बिकवाली की जिससे घरेलू शेयर बाजार धराशायी हो गया। चौतरफा बिकवाली के दबाव में बीएसई के सेंसेक्स में 24 अगस्त 2015 (1624.51 अंक) के बाद की सबसे बड़ी गिरावट रही। यह 2.36 फीसदी यानी 839.91 अंक लुढ़ककर 35,066.75 अंक पर बंद हुआ। एनएसई का निफ्टी भी 2.33 फीसदी यानी 256.30 अंक खोता हुआ 10,760.60 अंक पर बंद हुआ। यह इसकी भी 24 अगस्त 2015 (490.95 अंक) के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है।   

बैंकिंग काउंटर पर हाहाकार

सबसे ज्यादा गिरावट बैकिंग शेयरों में आई है। कोटक, इंडसलैंड, येस, एक्सिस, आईसीआईसीआई और एचडीएफसी आदि निजी बैंक में 2.9 फीसदी की गिरावट देखी गई है। अडानी पोर्ट, एचडीएफसी, एल एंड टी और रिलायंस इंडस्ट्री, मारूति, एसबीआई, बजाज ऑटो, एमएंडएम, कोल इंडिया और एनटीपीसी में भी 2 फीसदी की गिरावट रही। टीसीएस और इंफोसिस और सन फार्मा, डॉ रेड्डी जैसे आईटी और फार्मा काउंटर में करीब 1.20 फीसदी की बढ़त देखी गई।

टैक्स से मची बाजार में भगदड़

गौरतलब है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर टैक्स लगा दिया है। सरकार ने करीब डेढ़ दशक बाद दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर फिर से टैक्स लगाया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को बजट पेश करते हुए कहा कि अल्पकालिक पूंजीगत लाभ पर अभी तक 15 फीसदी टैक्स देना होता है, लेकिन अब दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर 10 फीसदी का टैक्स देना होगा। हालांकि एक लाख रुपए से अधिक के कैपिटल गेन पर ही टैक्स देना होगा।

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