मंडी कमेटी चेयरमैन नियुक्ति मामला: मुख्यमंत्री-उपराज्यपाल के बीच नया विवाद शुरू, लीक करने के लगे आरोप
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच एक बार फिर से विवाद बढ़ने के आसार बढ़ गए हैं;
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच एक बार फिर से विवाद बढ़ने के आसार बढ़ गए हैं और इस बार केजरीवाल ने उपराज्यपाल अनिल बैजल पर मुख्यमंत्री की फाइलों को लीक करने का आरोप लगाया है। इस बाबत केजरीवाल ने अनिल बैजल को चिट्ठी लिखकर पूछा है कि मुख्यमंत्री के पास भेजी जाने वाली फाइलों की कॉपी भाजपा के पास भेजना कितना उचित है। यह मामला मंडी में चेयरमैन की नियुक्तियों से जुड़ा हुआ है।
अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल पर आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री को भेजी गई फाइल की कॉपी पहले नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता के पास पहुंची। चूंकि उपराज्यपाल अनिस बैजल ने अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा मंडी समितियों के गठन की फाइल लौटा दी थी और गुप्ता ने मामले में फाईल के मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचने से पहले ही मीडिया में उठा दिया। मुख्यमंत्री को यह नागवार गुजरन और उन्होंने इस मामले में उपराज्यपाल पर ही हमला बोल दिया।
दिल्ली की 6 मंडियों के गठन को लेकर सरकार की कवायद की सीबीआई जांच की मांग करते हैं।
पूरे मामले में विजेंद्र गुप्ता का अपना तर्क है और वे कहते हैं कि मंडियोंके गठन में अनियमितता बरती गई गई है। जो ट्रेडर नहीं हैं उन्हें भी सदस्य बनाने का प्रस्ताव हैं और इसीलिए नौ जून को उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखकर इस बारे में शिकायत कर धांधली की आशंका जताई थी। उन्होंने कहा कि निजी स्वार्थ को पूरा करने के लिए जो किसान और व्यापारी नही हैं उसे सदस्य बनाया जा रहा है।
इसके बाद उपराज्यपाल ने हमे 14 जून की मुलाकात में आस्वस्त किया उसके बाद हमने इसपर बयान दिया था। मुख्यमंत्री ने उपराज्यपाल को पत्र लिखा और उपराज्यपाल के यहां पहुचने से पहले उसे सीएम के मीडिया सलाहकार उसे लीक करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आप सरकार में आने के बाद विपक्ष को अंधेरे में रखने के लिए अब सरकार किसी भी सर्कुलर और नोटिफिकेशन की कॉपी तक नेता विपक्ष के नही भेजते और विपक्ष की आवाज को दबाने में जुटे हैं।