अमेरिका के टैरिफ अटैक पर सपरा का तंज, कहा- यह सरकार की विदेश नीति की विफलता है
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर किए जा रहे टैरिफ अटैक को लेकर देश में सियासत तेज हो गई है;
- अमेरिकी टैरिफ अटैक पर कांग्रेस का हमला
- अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा भारत पर किए जा रहे टैरिफ अटैक को लेकर सरकार पर हमला
मुंबई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर किए जा रहे टैरिफ अटैक को लेकर देश में सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस प्रवक्ता चरण सिंह सपरा ने सरकार पर इसको लेकर हमला बोला है। उन्होंने कहा यह सरकार की विदेश नीति की विफलता है।
'अघोषित पेनल्टी' : चरण सिंह सपरा ने इसे अघोषित पेनल्टी बताया और केंद्र सरकार की विफलता कहा
भारत पर ट्रंप प्रशान ने 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, साथ हीं पेनल्टी लगाने की बात कर रहे हैं। इसको लेकर चरण सिंह सपरा ने कहा यह अघोषित पेनल्टी है। यह कहीं न कहीं केंद्र सरकार की विफलता है। हमारी विदेश नीति बिल्कुल खत्म हो चुकी है। केंद्र सरकार को यही नहीं पता कि हमें करना क्या है। पड़ोसी देश भारत से नाराज हैं, अमेरिका और रूस से भी संबंध अच्छे नहीं हैं। यह हमारी केंद्र सरकार की विफलता है। ट्रंप बार-बार भारत को धमकी दे रहा है। ट्रंप भारत-पाकिस्तान में युद्ध विराम का दावा कर रहे हैं। इस सब मुद्दों पर प्रधानमंत्री मौनव्रत लिए हैं। जबकि इन सब मुद्दों पर सरकार को बात करनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से राहुल गांधी को लगाई गई फटकार को लेकर सपरा ने कहा कि राहुल गांधी विपक्ष के नेता हैं, जनता के मुद्दे सड़क से लेकर संसद तक उठाते हैं। इस तरह का अवलोकन सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना काल में प्रवासी मजदूरों, किसानों के कानूनों और ऑक्सीजन की किल्लत पर भी सरकार को फटकार लगाई थी
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में प्रवासी मजदूर जब सड़कों पर थे तो पीएम मोदी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के खिलाफ तीन कानून और ऑक्सीजन की किल्लत पर भी लताड़ लगाया। सुप्रीम कोर्ट ने जो कहा है, उसका संज्ञान हम लेंगे।
ठाकरे बंधुओं के एक साथ होने को लेकर उन्होंने कहा कि दोनों भाइयों का मिलन हुआ है। लेकिन, दोनों पार्टियां किस तरह का स्टैंड लेती हैं, उसके बाद ही आगे विचार किया जाएगा।
सपरा ने एसआईआर को 'सिरफिरा आदेश' कहा और चुनाव आयोग पर सवाल उठाए
बिहार में लगातार उठाए जा रहे एसआईआर के मुद्दे को लेकर उन्होंने कहा कि एसआईआर एक सिरफिरा आदेश है। यह बताता है कि किस तरह से चुनाव आयोग भारतीय जनता पार्टी की टूलकिट का हिस्सा बन चुका है। एसआईआर प्रक्रिया में 65 लाख नाम हटाए गए हैं, यहां पर किसी का नाम जोड़ा नहीं गया है। क्या चुनाव आयोग ने इसकी जानकारी दी कि कितने नाम जोड़े गए हैं। महाराष्ट्र में वोटर को लिस्ट में जोड़कर फर्जीवाड़ा किया गया और बिहार में वोटर का नाम काटकर धांधली करने का प्रयास किया जा रहा है। भाजपा के जो वोटर नहीं हैं, उनका नाम काटा जा रहा है।