गौतम नवलखा मामले में महाराष्ट्र सरकार ने दायर की कैविएट अर्जी

महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव से जुड़े गौतम नवलखा मामले में राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय में आज एक कैविएट याचिका दायर की;

Update: 2019-09-17 17:16 GMT

नई दिल्ली। महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव से जुड़े गौतम नवलखा मामले में राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय में आज एक कैविएट याचिका दायर की।

महाराष्ट्र सरकार ने कैविएट अर्जी दायर करके कहा कि सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा की बॉम्बे उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ किसी अर्जी पर फैसला लेने से पहले उसका पक्ष भी सुना जाना चाहिए।

उच्च न्यायालय ने नवलखा के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द कर दी थी, जिसके खिलाफ वह शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
उच्च न्यायालय ने भीमा-कोरेगांव हिंसा और माओवादियों के साथ कथित जुड़ाव के लिए नागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा के खिलाफ दर्ज मामले को खारिज करने से इनकार करते हुए पिछले दिनों कहा था कि मामले में प्रथम दृष्टया तथ्य दिखता है।

न्यायमूर्ति रंजीत मोरे और न्यायमूर्ति भारती डांगरे की पीठ ने कहा था कि मामले की व्यापकता को देखते हुए उसे लगता है कि पूरी छानबीन जरूरी है। पीठ ने कहा था कि यह बिना आधार और सबूत वाला मामला नहीं है।

पीठ ने नवलखा की ओर से दायर याचिका खारिज कर दी थी जिन्होंने जनवरी 2018 में पुणे पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को खारिज करने की मांग की थी। एल्गार परिषद द्वारा 31 दिसंबर 2017 को पुणे जिले के भीमा-कोरेगांव में कार्यक्रम के एक दिन बाद कथित रूप से हिंसा भड़क गई थी।
 

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