कैंसर के प्रति भ्रांतियां व चुनौती के प्रति किया गया जागरुक
डॉक्टरों ने कैंसर से परे जीवन की गुणवत्ताश् से संबंधित चिंताओं का किया समाधान;
ग्रेटर नोएडा। कैंसर बीमारी एक चुनौतीपूर्ण है लेकिन इसके आगे भी एक जीवन है। उस जीवन के लिए मरीज का समय पर इलाज होना जरूरी है। कैंसर मरीजों के उपचार प्रबंधन और रिकवरी के बाद की देखभाल को लेकर जागरूकता लाने के लिए इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स ने एक कार्यक्रम की मेजबानी की।
इसमें कैंसर के बाद जीवन की गुणवत्ता को लेकर विशेषज्ञों ने चिंता और मिथ्य पर अहम जानकारियां साझा की। इस कार्यक्रम में उन बहादुर दिलों की उपस्थिति भी थी, जो कैंसर से बचे रहे हैं, जिन्होंने कैंसर से जूझने की अपनी यात्रा और कैंसर के बाद की प्रक्रिया को साझा किया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी रहीं। वहीं कार्यक्रम को सिस्टर बीके शिवानी ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान डॉक्टरों ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य विभिन्न भावनात्मक एवं सामाजिक चुनौतियों का समाधान करना है, जो कैंसर से बचे लोगों को ठीक होने के दौरान या उसके बाद हो सकती हैं।
विशेषज्ञों ने सुझाव साझा किए कि कैसे भ्रांतियों से बचा सकता है। कार्यक्रम में इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल की ऑन्कोलॉजी टीम के विशेषज्ञों ने भाग लिया, जिसमें डॉ. रमेश सरीन, वरिष्ठ सलाहकार, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, और डॉ. मनीष के सिंघल, वरिष्ठ सलाहकार, मेडिकल ऑन्कोलॉजी शामिल थे।
इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. रमेश सरीन ने कहा कि मरीज को पूरी तरह से ठीक करने के लिए कैंसर से परे गुणवत्तापूर्ण जीवन बहुत महत्वपूर्ण है।
कैंसर से ठीक होने के बाद कई तरह के मिथक हैं जो सामाजिक-भावनात्मक चुनौतियों को जन्म देते हैं। ये रोगियों के मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करते हैं। कुछ साल पहले तक ऑन्कोलॉजिस्ट नई तकनीकों को विकसित करने में व्यस्त थे, जिससे अधिक जीवन बचाया जा सकता था, लेकिन अब ऑन्कोलॉजिस्ट ने वर्षों की संख्या की तरह, जीवन की गुणवत्ता भी उतनी महत्वपूर्ण होने पर जोर दिया है।
इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के मेडिकल ऑन्कोलॉजी के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. मनीष के सिंघल ने कहा कि हमें बेहतर सर्जिकल परिणामों और उपचार के बाद जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने के साथ ही संरक्षित करने पर जोर देने की जरूरत है।