लखनऊ विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश की शान, मान और पहचान : नाईक
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश की शान, मान और पहचान है;
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश की शान, मान और पहचान है।
लखनऊ विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित सम्मान समारोह में राज्यपाल श्री नाईक ने बिहार के राज्यपाल लालजी टण्डन, अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति एच.एन. तिलहरी, पूर्व मंत्री डाॅ. अम्मार रिज़वी को लाईफ टाइम अचीवमेंट आवार्ड’ तथा सात पूर्व छात्रों, सुश्री बुला गांगुली, डा. दीपक अग्रवाल, मुदित कुमार सिंह, श्रीमती पंकज भदौरिया, राजेश्वर तिवारी, राजेश सिंह एवं डाॅ. सुनील प्रधान को ‘डिस्टिंगुईश्ड आवार्ड’ से सम्मानित किया।
अलुम्नाई फाउन्डेशन द्वारा आयोजित इस सम्मान समारोह में श्री नाईक ने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश की शान,मान और पहचान है। यहां से निकले विश्वविद्यालय के छात्रों ने राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का मान बढ़ाया है। इस विश्वविद्यालय ने आचार्य नरेन्द्र देव और प्रोफेसर हरिकृष्ण अवस्थी जैसे कुलपति भी दिये हैं जिन्होंने कुलपति के वेतन को या तो छात्रों पर खर्च किया है या फिर वेतन लिया ही नहीं।
उन्होंने कहा कि आज के सम्मान समारोह को देखकर यह पता चलता है कि लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र कितने प्रतिभाशाली हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे सम्मान समारोह से आज के युवा छात्र प्रेरणा लें। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय है। शिक्षा के क्षेत्र में भी विश्वविद्यालय का प्रदर्शन सराहनीय है।
श्री नाईक ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अब तक के दीक्षान्त समारोह में 12.79 लाख उपाधियां वितरित की गई हैं, जिसमें 7.15 लाख छात्राएं हैं तथा 56 प्रतिशत लड़कियों को उपाधियां प्रदान की गई हैं। सबसे ज्यादा छात्राएं लखनऊ विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। इस विश्वविद्यालय में 78 प्रतिशत पदक छात्राओं को मिले हैं जबकि भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा में 85 प्रतिशत, दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर में 82 प्रतिशत तथा छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर एवं महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी में 81 प्रतिशत छात्राओं को पदक प्रदान किये गये हैं। उन्होंने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय का नाम देश के प्रथम पांच विश्वविद्यालय में तथा राज्य के प्रथम विश्वविद्यालय के रूप में दर्ज हो, ऐसी मेरी कामना है। उन्होंने कहा कि पुरा छात्र विश्वविद्यालय के गौरव तथा विश्वविद्यालय के विकास के लिए संकल्पबद्ध तरीके से योगदान करें।
समारोह में बिहार के राज्यपाल लालजी टण्डन, न्यायमूर्ति एच.एन. तिलहरी एवं डाॅ. अम्मार रिज़वी ने अपने समय की खट्टी मीठी यादें साझा की। इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर एस.पी. सिंह, अध्यक्ष अलुम्नाई फाउन्डेशन सहित अन्य लोगों ने भी अपने विचार रखे।