नसबन्दी कराने आए महिलाओं को मरीजों के बिस्तर पर लिटा दिया

परिवार नियोजन के लिए नसबन्दी कराने आए महिलाओं को नसबन्दी के बाद पोस्ट डिलीवरी कक्ष एवं उल्टी दस्त पीड़ित मरीजों के साथ वाले बिस्तर पर लिटा दिया गया;

Update: 2017-09-08 13:05 GMT

कसडोल। परिवार नियोजन के लिए नसबन्दी कराने आए महिलाओं को नसबन्दी के बाद पोस्ट डिलीवरी कक्ष एवं उल्टी दस्त पीड़ित मरीजों के साथ वाले बिस्तर पर लिटा दिया गया। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कसडोल में पदस्थ कर्मचारियों द्वारा इन दिनों भर्राशाही किए जाने की शिकायतें मिल रही है।सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कसडोल में शासन के नियमों की खुलेआम धज्जियाँ उड़ाई जा रही है।

इसी तरह का एक मामला प्रकाश में आया है जिसमें नसबन्दी कराने आए महिलाओं को नसबन्दी के बाद पोस्ट डिलीवरी कक्ष एवं उल्टी दस्त पीड़ित मरीजों के साथ वाले बिस्तर में लिटा दिया गया था।मामले की जानकारी मिलते ही हमारे प्रतिनिधि ने अस्पताल जाकर देखा तो वास्तव में नसबन्दी कराने आए सरिता (नंदनिया ) , दुर्गा एवं रेखा बाई ( नारायण पुर ) ,जमुना बाई (गिरौदपुरी) को प्रसव पश्चात प्रसूताओं को रखे जाने वाले कक्ष में लिटाया गया था और ग्राम कोसमसरा निवासी संतोषी बाई को उल्टी दस्त पीड़ित मरीजों के साथ लिटाया गया था।

इस सम्बंध में बताया जाता है कि 6 सितम्बर को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कसडोल में 18 महिलाओं  का टी टी आपरेशन एवं 12 पुरुषों का एन एस बी टी आपरेशन किया गया था।नसबन्दी के बाद जिस कक्ष में मरीजों को रखा जाता है वहाँ पर मात्र 13 बिस्तर थे जबकि नसबन्दी कराने वाली महिलाओं की संख्या 18 वहाँ पर 5 बिस्तर की कमी थी , बी एम ओ डॉ सी एस पैकरा ने संबंधित कर्मचारियों को वहाँ पर तत्काल बिस्तर की व्यवस्था करने कहा गया था परन्तु अस्पताल के लापरवाह कर्मचारियों ने अपने बी एम ओ के निर्देश को नहीं माना और नसबन्दी के बाद महिलाओं को जहाँ पर बिस्तर खाली दिखा वहीँ पर लिटा दिया गया।

शासन के नियमानुसार नसबन्दी कराने वाले महिलाओं को किसी भी तरह के संक्रमण से बचाने के उद्देश्य से अन्य मरीजों से अलग रखा जाता है फिर इस बात को नजर अंदाज करते हुए उन्हें बदबूदार स्थान में रखा गया।

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