मशीन और कंप्यूटराइज्ड सिम्युलेटर पर रेलगाड़ी चलाकर सीखें ड्राइवर

  भारतीय रेल अब अपने डेढ़ लाख ड्राइवरों और असिस्टेंट ड्राइवरों को प्रशिक्षण दिलवाने के लिए 350 करोड़ रुपए खर्च कर सिम्यूलेटर का प्रबंध करने की तैयारी में है;

Update: 2018-05-24 14:32 GMT

नई दिल्ली।  भारतीय रेल अब अपने डेढ़ लाख ड्राइवरों और असिस्टेंट ड्राइवरों को प्रशिक्षण दिलवाने के लिए 350 करोड़ रुपए खर्च कर सिम्यूलेटर का प्रबंध करने की तैयारी में है। 

सिम्यूलेटर से वर्च्युअल रेल इंजन व पूरी रेलगाड़ी बनाई होगी जिसमें कंप्यूटर बताएगा कि ड्राइवर व असिस्टेंट ड्राइवर को क्या करना है। यह न सिर्फ निर्देश देगा यह होने वाली गलतियों की सूची भी तैयार करेगा। इससे प्रशिक्षुओं को उनकी गलतियों को सुधारने का अवसर भी मिलेगा। दरअसल अभी रेलगाड़ियों के ड्राइवरों को करीबन एक महीने की ट्रेनिंग दी जाती है जिसमें वे पहले पूरी तकनीक को पढ़ते हैं फिर रेलगाड़ी के इंजन पर जाने का अवसर मिलता है।

लेकिन यदि सिम्यूलेटर में प्रशिक्षण दियाजाता है तो इसमें न सिर्फ पूरे के पूरे रूट को तैयार किया जा सकेगा इसमें रूट पर आने वाले सिग्नल, कर्व, ब्रिज और अन्य सभी प्रमुख बातों को भी रिकार्ड किया जा सकेगा। एक वरिष्ठ अधिकारी मानते हैं कि कंप्यूटर के जरिए सिम्यूलेटर ऐसा अहसास करवाएगा मानो वह सचमुच रेलगाड़ी को चलाते हुए तय रूट पर चल रहा है।

मोशन पिक्चर्स के जरिए प्रशिक्षु सभी पटरियों पर होने वाली सभी गतिविधियों मसलन रेलगाड़ियों के पास होने, जानवरों के पटरी पर आ जाने, पटरियों के जोड़ व अन्य हरकतों को न सिर्फ देख सकेगा उसकी गतिविधियों को भी रिकार्ड किया जा सकेगा जिसे उसको दिखाने के बाद आवश्यक सुधार भी किए जा सकेंगे। 

सिम्यूलेटर की शुरूआत वडोदरा व विजयवाड़ा से हो चुकी है और अब इसे अन्य स्थानों पर भी शुरू किया जाएगा। बता दें कि विदेशों में ऐसे ही सिम्यूलेटर पर प्रशिक्षण दिया जाता है। 

भारत में पटरियों पर सीखे ड्राइवर और सहायक ड्राइवर 12 हजार इलैक्ट्रिक व डीजल लोकमेटिव द्वारा 86 ड्राइवर रोजाना 66 हजार रेलवे नेटवर्क में रेलयात्रा से मुसाफिरों को उनके गंतव्य तक पहुंचाते हैं। 

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