सीएम फडणवीस के 'वोट चोरी' आरोप पर शरद पवार का तीखा तंज

देवेंद्र फडणवीस ने पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के संबंध में मतदाता सूची को लेकर छिड़े विवाद पर प्रतिक्रिया दी थी;

Update: 2025-08-23 04:45 GMT

'15, 150 और 1800 बार में फर्क होता है': पवार का व्यंग्यात्मक जवाब

  • जयंत पाटील बोले– फडणवीस ने अप्रत्यक्ष रूप से स्वीकार की वोट चोरी
  • एनसीपी ने भाजपा पर चुनावी धांधली और प्रशासनिक दुरुपयोग के लगाए आरोप
  • 'वोट चोरी अभियान' में फडणवीस को शामिल होने का न्योता: विपक्ष का पलटवार
  • पवार ने राज्यपाल के नामांकन पर फडणवीस की कॉल का किया खुलासा
  • चुनावी निष्पक्षता पर फिर उठे सवाल, विपक्ष ने भाजपा को घेरा
  • राजनीतिक कटाक्ष और आंकड़ों के जरिए विपक्ष ने बढ़ाया सियासी तापमान

मुंबई। देवेंद्र फडणवीस ने पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के संबंध में मतदाता सूची को लेकर छिड़े विवाद पर प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था, "पृथ्वीराज चव्हाण के संबंध में विधायक अतुल भोसले ने हमारे सामने सबूत पेश किए हैं, जो बेहद गंभीर हैं। इससे पता चलता है कि राहुल गांधी ने वोट चोरी का ठेका लिया है। इससे यह पता चलता है कि असली वोट चोर कौन है?" इस पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के प्रमुख शरद पवार ने व्यंग्यात्मक जवाब दिया है।

सीएम फडणवीस के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए शरद पवार ने कहा, "ठीक है, हम इन आरोपों को देखेंगे, लेकिन 15 बार, 150 बार और 1800 बार में फर्क होता है।"

इस मुद्दे पर एनसीपी (एसपी) के वरिष्ठ नेता जयंत पाटील ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "इसका मतलब यह निकला कि देवेंद्र फडणवीस ने अप्रत्यक्ष रूप से स्वीकार कर लिया है कि विधानसभा चुनावों में वोट की चोरी हुई थी। इसलिए मैं उनसे आग्रह करता हूं कि वे हमारे वोट चोरी विरोधी अभियान में शामिल हो जाएं।"

जयंत पाटील के इस बयान को विपक्ष की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसमें भाजपा पर लगातार चुनावों में धांधली और प्रशासनिक मशीनरी के दुरुपयोग के आरोप लगाए जा रहे हैं।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शरद पवार ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस ने मुझे फोन किया और कहा कि महाराष्ट्र की धरती से हमारे राज्यपाल ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन किया है। फडणवीस ने मुझसे अनुरोध किया है कि मैं उन्हें वोट दूं क्योंकि वह महाराष्ट्र का गौरव हैं, इसलिए आपको इस बारे में सोचना होगा।

शरद पवार और उनकी पार्टी पहले से ही भाजपा और चुनाव आयोग पर निष्पक्षता को लेकर सवाल उठाते रहे हैं।

जहां फडणवीस के आरोपों ने विपक्ष को घेरने की कोशिश की, वहीं शरद पवार ने आंकड़ों के जरिए कटाक्ष कर सियासी पारा चढ़ा दिया है।

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