जज विवाद को लेकर विधि संगठनों ने दिये विरोधाभाषी बयान

‘जज विवाद’ को लेकर आज दो महत्वपूर्ण विधि संगठनों के जहां विरोधाभाषी बयान सामने आये;

Update: 2018-01-16 15:01 GMT

नयी दिल्ली।  ‘जज विवाद’ को लेकर आज दो महत्वपूर्ण विधि संगठनों के जहां विरोधाभाषी बयान सामने आये, वहीं सरकार के सबसे बड़े विधि अधिकारी (एटर्नी जनरल) ने भी इस संकट के सुलझने में दो-तीन दिन और लगने की बात कही है।

एटर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने आज कहा कि उन्हें लगता है कि शीर्ष अदालत के चार वरिष्ठ जजों के प्रेस कांफ्रेंस से उपजा विवाद अभी समाप्त नहीं हुआ है। इसमें दो से तीन दिन और लग जायेंगे।

एटर्नी जनरल ने कल कहा था कि चाय-कॉफी की चुस्कियों के बीच अनौपचारिक बातचीत में जज विवाद सुलझ चुका है। इस बारे में आज पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि यह विवाद अभी नहीं सुलझ सका है। ऐसी उम्मीद की जानी चाहिए कि इस विवाद का पूरी तरह निपटारा दो-तीन दिन में हो पायेगा।”

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के अध्यक्ष विकास सिंह ने भी कहा है कि इस संकट का समाधान इस सप्ताह के अंत तक हो पायेगा।

 सिंह ने कहा कि जब रविवार को एससीबीए का सात-सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा से मिला था तो उन्होंने (न्यायमूर्ति मिश्रा ने) एक सप्ताह में स्थिति सामान्य होने की बात कही थी। अब ऐसा लगता है कि सब कुछ सामान्य होने लगा है।

इस बीच अधिवक्ताओं की सर्वोच्च संस्था बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने कहा कि उच्चतम न्यायालय में अब किसी तरह का संकट नहीं है।

बीसीआई अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने कहा कि सोमवार को परिषद का सात-सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल 12 जनवरी को प्रेस कांफ्रेंस में शामिल होने वाले चार न्यायाधीशों में से एक न्यायमूर्ति रंजन गोगोई से मुलाकात की थी और उन्होंने यह आश्वासन दिया था कि अब कोई विवाद नहीं है। मिश्रा ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि मीडिया के एक सेक्शन में जज विवाद फिलहाल नहीं सुलझ पाने की खबर कैसे आ रही है।

 

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