प्रणव मुखर्जी के निधन पर कोविंद ,नायडू और मोदी ने किया शोक व्यक्त

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के निधन पर आज गहरा शोक व्यक्त किया।;

Update: 2020-09-01 10:12 GMT


नयी दिल्ली । राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के निधन पर आज गहरा शोक व्यक्त किया।

श्री कोविंद ने ट्वीटर पर अपने संदेश में कहा, “पूर्व राष्ट्रपति, श्री प्रणव मुखर्जी के स्वर्गवास के बारे में सुनकर हृदय को आघात पहुंचा। उनका देहावसान एक युग की समाप्ति है। श्री प्रणव मुखर्जी के परिवार, मित्र-जनों और सभी देशवासियों के प्रति मैं गहन शोक-संवेदना व्यक्त करता हूँ।”

उन्होंने कहा, “असाधारण विवेक के धनी, भारत रत्न श्री मुखर्जी के व्यक्तित्व में परंपरा और आधुनिकता का अनूठा संगम था। पांच दशक के अपने शानदार सार्वजनिक जीवन में, अनेक उच्च पदों पर आसीन रहते हुए भी वे सदैव जमीन से जुड़े रहे। अपने सौम्य और मिलनसार स्वभाव के कारण राजनीतिक क्षेत्र में वे सर्वप्रिय थे।”

राष्ट्रपति ने कहा, “भारत के प्रथम नागरिक के रूप में, उन्होंने लोगों के साथ जुड़ने और राष्ट्रपति भवन से लोगों की निकटता बढ़ाने के सजग प्रयास किए। उन्होंने राष्ट्रपति भवन के द्वार जनता के लिए खोल दिए। राष्ट्रपति के लिए 'महामहिम' शब्द का प्रचलन समाप्त करने का उनका निर्णय ऐतिहासिक है।”

उन्होंने कहा“ श्री मुखर्जी के निधन से बहुत दुख पहुंचा है और उनके निधन से देश ने एक ऐसे वरिष्ठ राजनेता को खाे दिया है जिन्होंने अपना राजनीतिक जीवन एक सामान्य व्यक्ति के तौर पर शुरू किया था और वह वह अपनी कठिन मेहनत, अनुशासन और प्रतिबद्वता से देश के शीर्ष संवैधानिक पद तक पहुंचे थे। अपने लंबे और विशिष्ट सार्वजनिक जीवन में उन्होंने प्रत्येक पद को गौरवान्वित किया और हर पद की गरिमा बनाए रखी। शोक संतप्त परिजनाें के प्रति मेरी संवेदनाएं , ओम शांति।”

श्री मोदी ने अपने शोक संदेश में कहा “ उनके निधन से पूरा भारत दुखी है और उन्होंने राष्ट्र के विकास पथ पर एक अमिट छाप छोड़ी है। वह उत्कृष्ट विद्वान ,एक राजनीतिज्ञ, राजनीति और समाज के सभी वर्गों में प्रशंसित रहे। दशकों के राजनीतिक जीवन के दौरान, श्री मुखर्जी ने प्रमुख आर्थिक और रणनीतिक मंत्रालयों में लंबे समय तक योगदान दिया। वह एक उत्कृष्ट सांसद थे,जो बेहद मुखर थे और मजाकिया स्वभाव के भी थे।”

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