हसदेव से अवैध रेत उत्खनन मामले में कार्रवाई करने कांप रहे हाथ
कोरबा ! बिना अनुमति हसदेव नदी से रेत का अवैध उत्खनन कर इसका परिवहन के प्रयास में लगे लोगों की मंशा को बस्तीवासियों के हस्तक्षेप से असफल कर हजारों रूपये कीमती रेत खनिज को चोरी होने से बचा तो लिया गया;
चिट्ठी-पत्री में एक माह बिताया, कार्रवाई कुछ नहीं
कोरबा ! बिना अनुमति हसदेव नदी से रेत का अवैध उत्खनन कर इसका परिवहन के प्रयास में लगे लोगों की मंशा को बस्तीवासियों के हस्तक्षेप से असफल कर हजारों रूपये कीमती रेत खनिज को चोरी होने से बचा तो लिया गया लेकिन एक माह बीतने के बाद भी संबंधितों पर कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है। सिर्फ चि_ी लिखने और जवाब में 30 दिन बिता दिये गये। लग रहा है कि निर्माण कार्य में रेत की आपूर्ति अवैधानिक तरीके से करने वालों पर कार्यवाही करने में खनिज विभाग के हाथ कांप रहे हैं।
याद रहे वार्ड क्र. 1 और 4 के मध्य हसदेव नदी पर आम आवागमन के लिए निर्मित कराये गये पुल के नीचे दूसरे नंबर पिलर के निकट ही नदी से रेत का अवैध खनन 10 अप्रैल की दोपहर से देर शाम तक किया जा रहा था। स्थानीय युवकों ने जागरूकता दिखाई और मौके पर जाकर नदी से रेत निकालने व परिवहन की अनुमति बावत पूछा तो जवाब नहीं मिला। सूचना पर वार्ड 1 के पार्षद रवि महाराज सहित अन्य जनप्रतिनिधि पार्षद मनीष शर्मा, एल्डरमेन रमेश पोद्दार, पूर्व पार्षद ज्योति पांडेय ने पहुंचकर खनन व परिवहन कार्य रूकवाया। मामला देशबन्धु के द्वारा प्रमुखता से उजागर किये जाने पर खनिज विभाग हरकत में आया लेकिन कार्यवाही करने का दारोमदार दूसरों पर अब तक मढ़ा जा रहा है। मौके पर राजेन्द्रा इन्फ्रास्ट्रक्चर के चेन माउन्टेड पोकलेन द्वारा रेत नदी से खनन की जा रही थी और परिवहन के लिए वाहन क्रमांक सीजी 12 एस 3052, सीजी 12 एस 3053 व सीजी 12 एस 4392 लगे हुए थे किन्तु विरोध के कारण रेत ले जाने ने सफल नहीं हो पाये। नदी के किनारे लगभग 45 ट्रीप हाइवा रेत का पहाड़ खड़ा हो गया। उक्त वाहनों के संबंध में खनिज विभाग के पत्र के आधार पर जानकारी मांगने पर पुलिस को परिवहन विभाग ने विस्तृत जानकारी दी है जिसके अनुसार टीपर क्रमांक सीजी 12 एस 3052 सीएसईबी कालोनी निवासी चन्द्रलोक सिंह, टीपर क्रमांक सीजी 12 एस 3053 मेसर्स शिवांगी कंस्ट्रक्शन मेन रोड व हाइवा क्रमांक सीजी 12 एस 4392 राकेश पांडेय निवासी लाटाखार जमनीपाली के नाम पर रजिस्टर्ड है। पुलिस ने 3 मई को उक्त जानकारी खनिज विभाग को दे दी है किन्तु तीन दिन बाद भी संबंधितों के विरूद्ध रेत खनिज का अवैध उत्खनन कर अवैधानिक परिवहन का प्रयास के आरोप में मामला दर्ज नहीं किया जा सका है। कार्यवाही के लिए सेतु निगम, एसईसीएल, खनिज विभाग और पुलिस के बीच सिर्फ पत्र घूम रहे हैं और इसका सीधा लाभ रेत के अवैध खनन की मंशा रखने वालों को मिल रहा है।
खनिज विभाग सक्षम, फिर भी पुलिस की ओर ताक रहा
खनिज विभाग की ओर से 13 अप्रैल को एक पत्र सिटी कोतवाली थाना प्रभारी को लिखकर सर्वमंगला पुल के नीचे रेत उत्खनन कर शासकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाना बताकर उक्त कार्य में लगे वाहनों का नंबर देते हुए सूक्ष्म विवेचना कर अवैध उत्खननकर्ता एवं वाहन मालिकों के विरूद्ध प्रभारी कार्यवाही कर, की गई कार्यवाही से अवगत कराने कहा गया था। उक्त पत्र पर कोतवाली पुलिस ने जिला परिवहन विभाग को पत्र लिखकर वाहनों के संबंध में जानकारी मांगी। प्राप्त जानकारी 3 मई को कोतवाली पुलिस ने खनिज विभाग को सौंपते हुए कहा है कि खनिज रेत के अवैध उत्खनन के मामले में खनिज विभाग स्वत: कार्यवाही के लिए सक्षम है और अग्रिम कार्यवाही के लिए उक्त प्राप्त जानकारी प्रेषित की जा रही है। कोतवाली टीआई विवेक शर्मा ने बताया कि पहले भी इस तरह के मामलों में खनिज विभाग कार्यवाही करता आया है और उसे कार्यवाही के अधिकार हैं।
रेत की हो रही चोरी
हसदेव नदी पुल के नीचे नदी से खोदकर 10 अप्रैल को निकाले गये करीब 45 ट्रीप हाइवा रेत का जो पहाड़ खड़ा था, अब वह गायब हो गया है। खोदे गये रेत को अज्ञात लोगों के द्वारा अपनी जरूरतों के अनुसार ले जाये जाने के कारण बड़े पैमाने पर उक्त रेत की चोरी हो रही है। याद रहे स्थानीय लोगों सहित जनप्रतिनिधियों ने घटना दिनांक को ही कहा था कि खोदी गई रेत को वापस नदी में डलवा दिया जाए जिस पर अवैध खनन करने पहुंचे कथित ठेकेदार के जिम्मेदार कर्मचारी ने दूसरे दिन सुबह जेसीबी से रेत नदी में डलवाने का आश्वासन पार्षद रवि महाराज एवं मनीष शर्मा को दिया था। आज पर्यंत न तो रेत नदी में डाली गई और न ही अवैध खनन करने, शासकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों पर कोई कार्यवाही हो सकी है।
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