धर्मानी की हत्या के आरोपी दंपती सहित 3 को उम्रकैद
कोरबा ! करीब दो वर्ष पूर्व स्टेशनरी सामान का ऑर्डर लेने और वसूली के लिए कोरबा आये रायपुर के एक व्यापारी की अवैध संबंधों के चलते हत्या कर शव को छिपाने के विचाराधीन मामले में;
दो आरोपी अब भी हैं फरार, अवैध संबंध बना था हत्या की वजह
कोरबा ! करीब दो वर्ष पूर्व स्टेशनरी सामान का ऑर्डर लेने और वसूली के लिए कोरबा आये रायपुर के एक व्यापारी की अवैध संबंधों के चलते हत्या कर शव को छिपाने के विचाराधीन मामले में न्यायालय ने दोषसिद्ध पाये जाने पर आरोपी दंपत्ति व एक सहयोगी को आजीवन कारावास से दंडित किया है। प्रकरण में शामिल दो आरोपी अब तक फरार हैं।
उल्लेखनीय है कि बंजारी मार्केट रायपुर में स्टेशनरी सामानों का थोक व्यवसायी लक्ष्मण धर्मानी 49 वर्ष हर महीने की तरह जुलाई 2015 में भी 8 तारीख को कोरबा पहुंचा था। पुराना बस स्टैण्ड प्रकाश लॉज में कमरा लेकर ठहरा और अपने परिचित मनीष फोटो कॉपियर्स के संचालक की एक्टिवा लेकर वसूली के लिए निकला था। इसी दिन दर्री क्षेत्र से वह लापता हो गया। दूसरे दिन गुमशुदगी की सूचना के बाद पुलिस की 3 टीम ने पतासाजी प्रारंभ की। धर्मानी के मोबाइल का अंतिम लोकेशन, लोगों से की गई बातचीत से मिले सुराग के आधार पर बालको थाना क्षेत्र के रूमगरा नहर किनारे निवासी बेबी सिंह राजपूत पति अमर सिंह राजपूत 25 वर्ष को हिरासत में लेकर पूछताछ में लक्ष्मण धर्मानी की हत्या का खुलासा हुआ। रूमगरा से लगभग 15 किलोमीटर दूर ले जाकर चुईया नाला में बने गड्ढे में उसका शव दफन कर ऊपर से पत्थर रख लाश को छिपा दिया गया था। पूछताछ में बेबी सिंह ने बताया था कि वह घंटाघर में संचालित परंपरा गॉरमेंट में काम करती थी, तब धर्मानी से उसकी जान-पहचान करीब 4 महीने पहले हुई थी। वह जब भी कोरबा आता, युवती से मुलाकात करता था। 8 जुलाई की रात घर में कोई नहीं होने से धर्मानी बेबी से मुलाकात करने गया था। इस बीच घर लौटे अमर और उसके साथियों ने बेबी व धर्मानी को आपत्तिजनक हालत में देखा और बात इतनी बढ़ी की आवेश में आकर जानलेवा हमला करते हुए धर्मानी को मौत के घाट उतार दिया गया। शव को ठिकाने लगाने से पहले सोने की अंगूठी, चेन, नगदी रकम को निकालकर रख लिया गया था। मामले में धारा 120बी, 302, 201, 404, 34 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध कर आरोपी बेबी, उसके पति अमर सिंह पिता भैयालाल राजपूत 30 वर्ष रूमगढ़ा, और सहयोगी अरूण मौर्य पिता मोहन लाल मौर्य 36 वर्ष,निवासी रूमगढ़ा, को गिरफ्तार कर जेल भेजते हुए प्रकरण को विचारण हेतु न्यायालय में पेश किया गया। दो आरोपी विनोद चौहान उर्फ विनोद दोहरे पिता हरिचंद चौहान 32 वर्ष, मुकेश चौहान उर्फ मुकेश दोहरे पिता इन्द्रजीत चौहान 22 वर्ष दोनों निवासी मध्य प्रदेश हाल मुकाम रूमगढ़ा अब भी फरार हैं। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती हिमांशु जैन ने विचाराधीन प्रकरण में दोषसिद्ध पाये जाने पर तीनों आरोपियों को आजीवन सश्रम कारावास एवं पृथक-पृथक धाराओं में कुल 1500-1500 रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड का भुगतान न करने पर 6 माह का सश्रम कारावास भुगतना होगा।