13 मार्च को दिल्ली में किसान पंचायत का आयोजन किया जाएगा: भाकियू

भाकियू ने आरोप लगाया है कि किसानों को उसके उत्पाद की लागत का आधा मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है।;

Update: 2018-02-25 18:27 GMT

बस्ती। भारतीय किसान यूनियन(भाकियू) ने आरोप लगाया है कि किसानों को उसके उत्पाद की लागत का आधा मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है।

भाकियू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीवान चन्द्र चौधरी ने अाज यहां कहा कि देश के किसानों को उसके उत्पादों के लागत का आधा मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है।

किसानों की समस्याओं को दूर कराने के लिए 13 मार्च को दिल्ली में किसान पंचायत का आयोजन किया जाएगा है। इसमें देश भर के किसान और किसान नेता बड़ी संख्या में भाग लेंगे।

चौधरी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की केन्द्र और प्रदेश सरकार किसान हितों की अनदेखी कर रही है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किसान हितों की बात तो करते हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं करते हैं।
सरकारी कर्मचारियों से सम्बन्धित छह वेतन आयोग रिपोर्ट देश में लागू किये गये, लेकिन किसान आयोग की रिपोर्ट आज तक लागू नहीं हो पायी है।

किसान यूनियन ने अपनी मांगों को लेकर 13 मार्च को दिल्ली में किसान पंचायत का आयोजन किया है।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान अपने संकल्प पत्र में भाजपा ने वादा किया था कि फसल उत्पादन लागत का डेढ़ गुना मूल्य किसानों को दिया जायेगा।

इस वादे को प्रदेश सरकार भूल गई है। किसानों को लागत का आधा मूल्य भी नहीं मिल रहा है। चौधरी ने कहा कि प्रदेश के गन्ना किसानों का चीनी मिलों पर अरबों रूपया बकाया है।

किसान भुगतान पाने के लिए परेशान हैं। किसान को कर्ज लेने पर ब्याज देना पड़ता है।
प्रदेश में किसानों के ब्याज का दो हजार करोड़ रूपया बकाया है जिसे सरकार भुगतान नहीं करवा रही है।

उन्होंने कहा कि आलू किसानों को लागत का चौथाई मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है।
प्रदेश के किसान समस्याओं से जूझ रहे हैं।

अकेले बस्ती जिले में गन्ना किसानों का वर्ष 2016-17 का 35 करोड़ रूपया रूधौली तथा वाल्टरगंज चीनी मिल पर बकाया है।चालू सत्र 2017-18 का दो अरब रूपये से अधिक गन्ना मूल्य मिलों पर बकाया है।

चौधरी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की है कि गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान ब्याज समेत कराया जाय।

 

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