बाल विवाह कराने वाले परिजन व पंडित भी जाएंगे जेल
प्रभारी कलेक्टर ने बाल विवाह की कुप्रथा पर रोक लगाने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों, पंचायत पदाधिकारियों एवं जनसामान्य से सहयोग की अपील की है;
रायगढ़। प्रभारी कलेक्टर ने बाल विवाह की कुप्रथा पर रोक लगाने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों, पंचायत पदाधिकारियों एवं जनसामान्य से सहयोग की अपील की है। प्रभारी कलेक्टर ने कहा है कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई है तथा कानूनी रूप से अपराध है।
उन्होंने कहा कि बाल विवाह के कारण बच्चों में कुपोषण, शिशु-मृत्यु दर एवं मातृ-मृत्यु दर के साथ घरेलू हिंसा में भी वृद्धि होती है। उन्होंने जनसामान्य से कहा कि कही पर भी बाल-विवाह की सूचना प्राप्त होने पर अपने क्षेत्र के थाना प्रभारी अथवा सक्षम अधिकारी या महिला एवं बाल विकास अधिकारी, पर्यवेक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तथा चाइल्ड लाईन नंबर 1098 पर सूचित करें ताकि बाल विवाह रोका जा सके।
प्रभारी कलेक्टर ने कहा है कि 18 अप्रैल को अक्षय तृतीया का त्यौहार मनाया जाएगा। इस अवसर पर बाल विवाह की संभावना अधिक रहती है। बाल-विवाह के दुष्परिणाम के बारे में लोगों को जानकारी देना और उन्हें इस बुराई को रोकने के लिए समझाना प्रत्येक जागरूक व्यक्ति का कर्तव्य है।
उन्होंने कहा कि 21 वर्ष से कम आयु के लड़के और 18 वर्ष से कम आयु की लड़की का विवाह प्रतिबंधित है। प्रभारी कलेक्टर ने कहा कि कोई व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है, करता है, उसमें सहायता करता है, बाल विवाह को बढ़ावा देता है, उसकी अनुमति देता है अथवा बाल विवाह में सम्मिलित होता है
उसे 2 वर्ष तक का कठोर कारावास अथवा एक लाख रुपए का जुर्माना से दंडित किया जा सकता है। इसी तरह बाल विवाह कराने वाले पंडितों पर भी कानूनी कार्यवाही करते हुए उन्हें जेल भेजा जाएगा।