राज्यसभा में पीएम मोदी के संबोधन के प्रमुख बिन्दु....

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में हुई राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब दिया;

Update: 2021-02-08 12:27 GMT

आज सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में हुई राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब दिया। उन्होंने विपक्ष पर कटाक्ष से लेकर देश की एकता, लोकतंत्र और राष्ट्रवाद पर चर्चा की। पीएम मोदी ने कृषि कानूनों पर और साथ ही किसान आंदोलन को लेकर भी संबोधित किया। 

 

  • भारत का लोकतंत्र आलोचना के लायक नहीं है, हमारा लोकतंत्र किसी भी मायने में वेस्टर्न इंस्टीट्यूशन नहीं है। ये एक ह्यूमन इंस्टीट्यूशन है
  • भारत का राष्ट्रवाद न तो संकीर्ण है, न स्वार्थी है, न आक्रामक है। ये सत्यम, शिवम, सुंदरम मूलों से प्रेरित है
  • चुनौतियां तो हैं। लेकिन हमें तय करना है कि हम समस्या का हिस्सा बनना चाहते हैं या समाधान का माध्यम बनना चाहते हैं।
  • जल, थज, नभ, अंतरिक्ष भारत हर क्षेत्र में अपनी रक्षा के लिए अपने सामर्थ्य के साथ खड़ा है। सर्जिकल स्ट्राइक हो या एयर स्ट्राइक भारत की कैपेबिलिटी को दुनिया ने देखा है।
  • जब हम चुनाव आते ही एक कार्यक्रम करते हैं कर्जमाफी, ये वोट का कार्यक्रम है या कर्जमाफी का ये हिन्दुस्तान का नागरिक भली भांति जानता है। लेकिन जब कर्जमाफी करते हैं तो छोटा किसान उससे वंचित रहता है, उसके नसीब में कुछ नहीं आता है।
  • हर कानून में अच्छे सुझावों के बाद कुछ समय के बाद बदलाव होते हैं। इसलिए अच्छा करने के लिए अच्छे सुझावों के साथ, अच्छे सुधारों की तैयारी के साथ हमें आगे बढ़ना होगा। 
  • 'किसान उड़ान' के द्वारा हवाई जहाज से जैसे हमारे नार्थ ईस्ट की कितनी बढ़िया-बढ़िया चीजें जो ट्रांसपोर्ट सिस्टम के अभाव में वहां का किसान लाभ नहीं उठा पाता था, आज उसे किसान उड़ान योजना का लाभ मिल रहा है।
  • MSP था, MSP है और MSP रहेगा, आंदोलन खत्म करें किसान। आंदोलन को खत्म कीजिए, मिल-बैठकर हम चर्चा करेंगे
  • अगर बंगाल में राजनीति आड़े नहीं आती, तो ये आंकड़ा उससे भी ज्यादा होता।
  • 84 के दंगों में पंजाब के सबसे ज्यादा आंसू बहे...
  • आज के समय में आंदोलनकारियों को पहचानने की जरुरुत.. ये एक जमात बन गया है और इससे सावधान रहने की जरुरत है..देश में एक ऐसा समुदाय है जो लगातार आंदोलन करता रहता है..
  • मैं आप सभी को निमंत्रण देता हूं कि हम देश को आगे बढ़ाने के लिए, कृषि क्षेत्र के विकास के लिए, आंदोलनकारियों को समझाते हुए, हमें देश को आगे ले जाना होगा। आइए मिलकर चलें।
  • हमें एक बार देखना चाहिए कि कृषि परिवर्तन से बदलाव होता है कि नहीं। कोई कमी हो तो उसे ठीक करेंगे, कोई ढिलाई हो तो उसे कसेंगे। मैं विश्वास दिलाता हूं कि मंडियां और अधिक आधुनिक बनेंगी। एमएसपी है, एसएसपी था और एमएसपी रहेगा।
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