केरल: विजयन सरकार को झटका, बहाल होंगे डीजीपी जैकब थॉमस​​​​​​​

केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) ने आज केरल सरकार को दिसंबर 2017 से निलंबित चल रहे पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) जैकब थॉमस को तत्काल बहाल करने का निर्देश दिया;

Update: 2019-07-29 18:02 GMT

कोच्चि । केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) ने आज केरल सरकार को दिसंबर 2017 से निलंबित चल रहे पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) जैकब थॉमस को तत्काल बहाल करने का निर्देश दिया। थॉमस को मई, 2016 में डीजीपी-सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो नियुक्त किया गया था। उसी दिन मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने पदभार भी ग्रहण किया था।

इसके बाद विजयन के करीबी माने जाने वाले थॉमस को छुट्टी पर जाने के लिए कहा गया और बाद में दोनों के बीच संबंधों में खटास आने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया। तब से उनकी निलंबन अवधि को कई बार बढ़ाया जा चुका है।

इस निलंबन का आदेश कई मामलों के संबंध में दिया गया था। इसमें ओखी आपदा से निपटने के तरीके के लिए सरकार की आलोचना करना, अनुमति प्राप्त किए बिना एक पुस्तक लिखना और एक खरीदारी में भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करना शामिल है।

कैट के आदेश पर टिप्पणी करते हुए थॉमस ने कहा, "इससे पता चलता है कि लोगों को हमारी न्यायपालिका पर पूरा विश्वास होना चाहिए। जो लोग भ्रष्टाचार का पदार्फाश करते हैं, उन्हें न्यायपालिका का समर्थन मिलेगा।"

थॉमस के वकील ने मीडिया को बताया कि अदालत ने केरल सरकार को आदेश दिया है कि उन्हें पुलिस में बहाल किया जाए या उन्हें उनके पद से मेल खाने वाले किसी अन्य पद पर नियुक्त किया जाए।

वकील ने कहा, "अदालत ने कहा कि भ्रष्टाचार से लड़ने वाले व्यक्ति को बाहर नहीं रखा जाना चाहिए। सरकार ने खुद उन्हें बहुत महत्वपूर्ण पदों पर तैनात किया था। उन्हें तुरंत बहाल किया जाना चाहिए।"

उन्होंने कहा, "केरल हाईकोर्ट विजिलेंस द्वारा दर्ज मामले के खिलाफ दायर की गई हमारी याचिका पर गौर कर रहा है।"

यह दूसरी बार है जब एक अदालत शीर्ष पुलिस अधिकारियों की सहायता के लिए आगे आई है। इससे पहले मई 2017 में सर्वोच्च न्यायालय ने टी. पी. सेनकुमार को बहाल करने के अपने आदेश की अवहेलना करने पर अदालत का समय बर्बाद करने के लिए विजयन सरकार पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। सेनकुमार राज्य के पुलिस प्रमुख थे।


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