टीम में उलटफेर पर केरल उच्च न्यायालय ने एएफआई से मांगा जवाब
केरल उच्च न्यायालय ने सोमवार को भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) से राज्य की खिलाड़ी पी.यू. चित्रा को विश्व चैम्पियनशिप टीम में शामिल करने के आदेश का पालन नहीं करने पर स्पष्टीकरण मांगा है;
कोच्ची। केरल उच्च न्यायालय ने सोमवार को भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) से राज्य की खिलाड़ी पी.यू. चित्रा को विश्व चैम्पियनशिप टीम में शामिल करने के आदेश का पालन नहीं करने पर स्पष्टीकरण मांगा है।
अदालत ने एएफआई से इस मामले पर सफाई मांगी है कि उनके आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया और साथ ही पूछा है कि सुधा सिंह नाम की एथलीट को बाद में टीम में कैसे जगह मिल गई।
अदालत ने एएफआई से पूछा है कि किस तरह सुधा सिंह (एक स्टीपल चेस एथलीट) को लंदन जाने वाली टीम में जगह दी गई, जबकि उनका नाम पहले घोषित की गई टीम में नहीं था, जिसकी घोषणा इसी महीने की 24 तारीख को की गई थी।
केरल के मुख्यमंत्री पीनारायी विजयन ने शनिवार को चित्रा को टीम में शामिल न करने के लिए एएफआई की आलोचना की थी और उनके लिए वाइल्ड कार्ड एंट्री की मांग की थी।
विजयन का बयान उस समय आया था, जब एएफआई ने अधिकारियों को बताया था कि चित्रा को टीम में शामिल करने का समय निकल चुका है।
केरल उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को एएफआई को चित्रा को टीम में शामिल करने का निर्देश दिए थे।
अदालत का यह आदेश चित्रा के कोच एन.एस. सिजिन द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि चित्रा टीम में शामिल किए जाने के योग्य हैं।
केरल की खेल परिषद के अध्यक्ष टी.पी. दासन ने सोमवार को राज्य की राजधानी में पत्रकारों से कहा कि एएफआई ने चित्रा को टीम में शामिल न कर अंहकार प्रदर्शित किया है।
उन्होंने कहा, "ऐसा लगता है कि चयन प्रक्रिया में साजिश की गई है। यह किसी भी हालत में स्वीकार्य नहीं है।"
चित्रा के माता-पिता दिहाड़ी पर खेतों में काम करते हैं।
चित्रा ने इसी महीने की शुरुआत में ही भुवनेश्वर में एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में महिलाओं की 1,500 मीटर स्पर्धा में चार मिनट और 17.92 सेकेंड का समय निकालते हुए स्वर्ण पदक जीता था।