किसानों को मालिकाना हक के लिए राजनिवास के द्वार पर जाएंगे केजरीवाल
श्री केजरीवाल ने कहा कि सदन के पास सीधे अधिकार नहीं है कि किसानों को हक दिला सकें;
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में आज दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में 1970 से 1980 के बीच 20 सूत्री कार्यक्रम के तहत आवंटित जमीन के आवंटितों को मालिकाना हक देने संबंधी प्रस्ताव के समर्थन में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली देहात के दलितों को गरीबों को बंजर जमीन दी गई थी और उन्होंने उसे उपजाऊ बनाया। कुछ को मालिकाना हक मिला, कुछ को नहीं मिला। 20 सूत्री कार्यक्रम के तहत दूसरे राज्यों में मालिकाना हक दिया गया लेकिन सिर्फ दिल्ली में नहीं है, ये उनका हक है।
श्री केजरीवाल ने कहा कि सदन के पास सीधे अधिकार नहीं है कि किसानों को हक दिला सकें। लेकिन हम दिल्ली देहात को भरोसा दिलाते हैं कि हम उनके हक की लड़ाई लड़ेंगे।
श्री केजरीवाल ने कहा कि उपराज्यपाल के पास ये अधिकार हैं और हम सभी उनसे मिलकर आग्रह करेंगे कि वे पूर्व उपराज्यपाल के फैसले को वापिस ले लें। यदि वे नहीं माने तो हम केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू से मिलकर आग्रह करेंगे। सदन में चर्चा के जवाब के बाद विधि मंत्री कैलाश गहलोत के इस संकल्प को स्वीकार कर लिया गया।
विधि मंत्री कैलाश गहलोत ने प्रस्ताव रखते हुए कहा कि भूमि सुधार की विभिन्न धाराओं के तहत किसानेां को प्रताड़ित किया जाता है इसलिए इन्हें मालिकाना हक दिया जाए। प्रस्ताव के समर्थन में आम आदमी पार्टी विधायक करतार सिंह ने सुझाव दिया कि ऐसे प्रावधान होना चाहिए कि किसान अपनी जमीन की बिक्री कर सके।
कोटला से आम आदमी पार्टी विधायक मदन लाल ने दिल्ली के 360 गांव में दी गई इस जमीन पर अधिकार देने की बात कही तो वहीं महरौली से विधायक नरेश यादव ने भी इसका समर्थन किया आप विधायक गुलाब सिंह ने सदन में बताया कि कल कढ़ी में कई किसानों की जमीन छीनी जा रही है तहसीलदार ने धारा 74-4 के तहत नोटिस दिए हैं। इसलिए इस मामले पर तुरंत कार्रवाई की जाए। भाजपा विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी इस मामले में समर्थन देते हुए सुझाव दिया कि जमीदार लैंड पूलिंग में जा सके इसके लिए स्पष्ट प्रावधान किए जाएं क्योंकि अभी जिस हालात में इस प्रस्ताव को लाया जा रहा है उसमें स्थिति स्पष्ट नहीं है। भाजपा विधायक जगदीश प्रधान ने भी इसका समर्थन किया।