केजरीवाल सरकार को कोविड, नॉन कोविड अस्पतालों को अलग-अलग करना चाहिएः कांग्रेस 

श्री कुमार ने श्री केजरीवाल से जिला स्तर पर कोविड और नॉन कोविड अस्पतालों को अलग-अलग करने की मांग की ताकि सभी अस्पताल कोविड की मरीजों का हब न बन जाये।;

Update: 2020-06-08 11:18 GMT

नयी दिल्ली। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने रविवार को कहा कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने वैश्विक महामार कोरोना वायरस (काेविड-19) के लिए कोविड और नॉन कोविड अस्पतालों को अलग-अलग न करके लोगों तथा मेडिकल स्टाफ के बीच असमंजस पैदा कर दी है।

श्री कुमार ने श्री केजरीवाल से जिला स्तर पर कोविड और नॉन कोविड अस्पतालों को अलग-अलग करने की मांग की ताकि सभी अस्पताल कोविड की मरीजों का हब न बन जाये। उन्होंने कहा की जो मरीज कोरोना से पीड़ित नहीं है वे उपचार के लिए अस्पतालों में जाने से डर रहे हैं।

उन्होंने कहा श्री केजरीवाल अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए आरोप प्रत्यारोप करके लोगों का ध्यान भटकाने कि कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन वह बिना सोचे समझे नई गाइड लाइन लाकर लोगों में अफरा तफरी पैदा कर रहें हैं।

डिजिटल प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए रविवार को श्री कुमार ने कहा कि दस लाख पर 1329 कोविड के मामले दिल्ली में हो गए हैं जो की देश में सबसे ज्यादा का अनुपात है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में परीक्षण सुविधाओं को बढ़ाने कि जगह केजरीवाल सरकार परीक्षण लैब को ज्यादा कोविड टेस्ट करने कि लिये दंडित कर रही है जबकि दिल्ली में कोविड के मामले 11.39 की दुगनी दर से प्रतिदिन बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्य पूर्ण है कि दिल्ली में परीक्षण लैब की संख्या 42 से घटकर 36 कर दी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में तक़रीबन 27,000 कोरोना संक्रमित मामले हैं तथा अभी तक 761 लोगों की इस वायरस के संक्रमण से मौत हो चुकी है जो कि बहुत चौकाने वाले आंकड़े हैं।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के साथ इंटरनेट पर बैठक में बताया कि केंद्र सरकार कि उन्हीं गाइड लाइंस को श्री केजरीवाल मानते हैं जो उनको उचित लगती हैं।

उन्होंने कहा कि दो मार्च को जिस समय राजधानी में कोरोना को पहला मामला सामने आया था उस समय मुख्यमंत्री ने कोई तत्परता नहीं दिखाई। दिल्ली सरकार द्वारा नियुक्त कि गयी पांच सदस्य समिति ने कहा है कि दिल्ली में तक़रीबन 17000 कोविड बेड्स कि जरुरत इस महीने के अंत में पड़ेगी जबकि इस समय दिल्ली में केवल 8000 कोविड बेड्स हैं। जबकि श्री केजरीवाल ने अप्रैल में बताया था कि उनके पास कोविड के लिए तक़रीबन 30,000 बैड उपलब्ध हैं।

श्री कुमार ने कहा कि श्री केजरीवाल ने बिना कोरोना योद्धा जैसे कि डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिस, सफाई कर्मचारी आदि से सलाह लिए अपने फैसले जनता पर थोप दिये जबकि यह लोग जमीनी स्तर कि रिपोर्ट दे सकते थे। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय स्वास्थ मंत्रालय कि गाइड लाइन के बावजूद श्री केजरीवाल ने कोविड और नॉन कोविड मरीजों के लिए एक ही अस्पताल रखा है।
 

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