पेयजल चोरी रोकने में केजरीवाल सरकार नाकाम : विजेन्द्र

दिल्ली की जनता को पीने के पानी की आपूर्ति में विफलता पर रोष व्यक्त करते हुए दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने खुद माना है कि साफ  किए गए पानी का 47ॉ;

Update: 2018-03-25 13:48 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली की जनता को पीने के पानी की आपूर्ति में विफलता पर रोष व्यक्त करते हुए दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने खुद माना है कि साफ  किए गए पानी का 47 प्रतिशत लीकेज या चोरी की भेंट चढ़ता है। 

केजरीवाल सरकार बताए कि पिछले तीन सालों में पानी की इस लीकेज व चोरी को रोकने के लिए क्या किया। पानी में अमोनिया की मात्रा पर नियंत्रण के लिए एक सफलतापूर्वक प्रयोग किया था फिर सरकार ने इसे लागू क्यों नहीं किया। पिछले लगभग चार महीनों पानी में अमोनिया की अधिक मात्रा का संकट बना हुआ है। 

दिल्ली सरकार नेे अपने स्तर पर अमोनिया रहित बनाने के प्रयास क्यों नहीं किए, यदि सरकार द्वारा समय रहते यह प्रयास किए जाते तो स्वच्छ पानी की आपूर्ति में सुधार किया जा सकता है। उन्होंने पूछा कि सरकार बताए कि उसने ऐसा क्यों नहीं किया, सरकार ने टवीन मेन लाइन नेटवर्क को लागू करने के लिए कदम क्यों नहीं उठाए। इस योजना के अंतर्गत पानीपत के प्रदूषण को बाईपास करके यमुना का पानी सीधे वजीराबाद प्लांट को सप्लाई किया जाना था। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पिछले एक वर्ष से दिल्ली जलबोर्ड के अध्यक्ष हैं। 

उनके पास दिल्ली जल बोर्ड के अलावा और कोई कार्यभार नहीं है। फिर भी उन्होंने दिल्ली में स्वच्छ पानी की आपूर्ति को बढ़ाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए। पानी का बिल 20 प्रतिशत बढ़ा है परंतु पानी में प्रदूषण में बढ़ोतरी व आपूर्ति में कमी आई है। 

दिल्ली के एक बहुत बड़े क्षेत्र विशेषकर झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले 50 प्रतिशत लोग पानी की आपूर्ति से वंचित हैं। गुप्ता ने बताया कि दिल्ली को हरियाणा द्वारा मुनक नहर से प्रतिदिन 330 क्यूसेक पानी दिया जाता है जिसमें से 150 क्यूसेक पानी नहर के जगह-जगह टूटे होने के कारण रिसाव की भेंट चढ़ जाता है परंतु खेद है कि मुनक नहर को लीकेज रहित बनाने के लिए केजरीवाल सरकार ने पिछले तीन सालों में कोई ठोस योजना नहीं बनाई है। 

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