बॉक्साइट से बिखरती मुस्कान
कवर्धा ! कबीरधाम जिला मुख्यालय से 75 कि. मी. की दूरी पर समुद्र सतह से 950 मीटर की ऊंचाई पर बोदई-दलदली खान स्थित है।;
कवर्धा ! कबीरधाम जिला मुख्यालय से 75 कि. मी. की दूरी पर समुद्र सतह से 950 मीटर की ऊंचाई पर बोदई-दलदली खान स्थित है। यह पठारी क्षेत्र ज्यादातर मैदानी है। जमीन पथरीली और अनुपजाऊ प्रकृति की है। जल संसाधन का अभाव है। इस पहाड़ी क्षेत्र के ज्यादातर ग्रामवासी निम्न आय वर्ग के हैं। गांवों में मुख्यत: अनुसूचित जनजाति वर्ग के गोंड और बैगा निवास करतें हैं। खदान खुलने से पहले यहां के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती और सरकारी कार्यों में मजदूरी था। प्रति परिवार औसतन एक से ढाई एकड़ जमीन हैं।
बोदई दलदली खदान से लोगों को लाभ - बोदई-दलदली में खदान का प्रचालन शुरू होने बाद बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों को नियमित रोजगार मिला। एक कामगार की दैनिक मजदूरी से आय 225 से 800 रूपये है। कामगारों को सभी वैधानिक सुविधाएं दी जाती हैं। इसके तहत भविष्य निधि, बोनस, छुट्टी आदि का प्रावधान है। नियमित आय का जरिया हो जाने के कारण लोग अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने में सक्षम हो गए हैं। जीवन शैली में सुधार से कामगारों और उनके परिवारजनों के स्वास्थ्य में कई गुना प्रगति हुई है। खदान में काम करने वाले अनेक कामगार आने-जाने के लिए मोटर साइकिलों का इस्तेमाल करते हैं जो उनकी बेहतर आर्थिक स्थिति का द्योतक है।प्रचालित दलदली खदान में प्रतिमाह लगभग 50 लाख रुपए की मजदूरी और लगभग 220 लाख रुपए परिवहन के मद में भुगतान किया जाता है।
पर्यावरण - प्रबंधन पर्यावरण संरक्षण के लिए कटिबद्ध है। खदानों के प्रत्येक कार्य में ऐसी तकनीकी अपनाई गई है जिससे पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मदद मिल सके। खदान में बॉक्साइट उत्खनन की प्रक्रिया के साथ ही साथ उत्खनित क्षेत्र का रीक्लेमेशन किया जाता है। उत्खनित क्षेत्र में समतलीकरण के बाद ऊपरी सतह की मिट्टी (टाप स्वायल) बिछाई जाती है। रीक्लेम्ड स्थानों पर वृक्षारोपण किया जाता है। वृक्षारोपण से भूमि की उर्वरा शक्ति और हरियाली बढऩे में मदद मिलती है। खदान क्षेत्रों में खनन कार्य शुरू होने से पूर्व वृक्षों की सघनता कम थी। विशेषकर दलदली में वृक्षों का घनत्व कम था। खनन के बाद सघन वृक्षारोपण कर क्षेत्र की हरियाली में बढ़ोत्तरी की जा रही है।
सामुदायिक विकास कार्यों पर एक नजर:- कबीरधाम जिले के बोदई-दलदली बॉक्साइट उत्खनन क्षेत्र के 20 गांवों में बालको की सामुदायिक विकास परियोजनाएं संचालित हैं। लगभग 30 हजार नागरिकों को बालको की परियोजनाओं का लाभ मिल रहा है। ग्राम दलदली में बालको संचालित सामुदायिक पेयजल परियोजना संचालित की गई है। 25 लाख रुपए की परियोजना के पूर्ण होने पर 120 परिवारों को लाभ मिलेगा। ग्राम दलदली क्षेत्र के चार जनजातीय आवासीय स्कूलों का नवीनीकरण बालको प्रबंधन ने किया है। स्कूलों में फर्नीचर, बिस्तर, टेलीविजन आदि प्रदान किए गए हैं।बालको की ओर से दलदली में एक ग्रामीण हाट एवं एक सामुदायिक भवन का विकास किया गया है। इसके साथ ही ग्रामीणों की सुविधा की दृष्टि से 100 मीटर सी.सी. रोड का निर्माण किया गया है। बालको ने ग्राम दलदली क्षेत्र के लिए एंबुलेंस सुविधा मुहैया कराई गई है। दलदली पी.एच.सी. के माध्यम से यह एंबुलेंस 24 घंटे ग्रामीणों की सेवा में उपलब्ध है। ग्राम बोडला से दलदली मार्ग में पांच यात्री प्रतीक्षालय का निर्माण किया गया है। महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से बोड़ला ब्लॉक के 116 आंगनबाड़ी केंद्रों में ‘ममता परियोजना’ संचालित किया गया। लगभग 3300 कुपोषित बच्चों की पहचान कर उन्हें उच्चस्तरीय पोषाहार किया गया है। 20 गांवों के लिए चलित स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाता है।