उर्स की छड़ियां लेकर कलंदरों और मलंगों की टोली अजमेर के लिये रवाना

दिल्ली के महरौली से कलंदर और मलंग छड़ियों के साथ साथ तिरंगे झंडों को भी थामे हुए हैं।;

Update: 2020-02-13 16:05 GMT

अजमेर। राजस्थान में अजमेर के सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 808वें सालाना उर्स में शिरकत करने के लिए कलंदरों और मलंगों की टोली उर्स की छड़ियाँ लेकर अजमेर के लिए रवाना हो चुकी हैं जो 24 फरवरी को अजमेर पहुंचेंगीं।

जानकारी के मुताबिक दिल्ली के महरौली से कलंदर और मलंग छड़ियों के साथ साथ तिरंगे झंडों को भी थामे हुए हैं। महरौली स्थित ख्वाजा साहब के खलीफा हजरत कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी की दरगाह से रवाना हुआ यह जत्था महरौली शरीफ मोड़ से औलिया मस्जिद और वहां से अंधेरी मोड़ होता हुआ अजमेर के लिए रवाना हुआ। इस जत्थे में पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों, बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र आदि क्षेत्रों के कलंदर जमात मौजूद हैं जो ख्वाजा गरीब नवाज की शान में झंडे उठाए और गरीब नवाज की शान में नारे लगाते हुए जयपुर के रास्ते अजमेर की ओर आ रहे हैं।

कलंदरों का यह जत्था अजमेर पहुंचकर ऋषि घाटी स्थित चिल्ले पर डेरा डालेगा और उसी दिन सायं जुलूस की शक्ल में करतब दिखाते हुए दरगाह शरीफ पर झंडे और निशान पेश करेगा। जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने दरगाह कमेटी की जानिब से मलंग और कलंदरों के लिए पैदल यात्रा के दौरान चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए चिकित्सा वाहन भी भिजवाया है।

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