सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए सी एस कर्णन, काम पर वापस भेजने की मांग की

अवमानना मामले का सामना कर रहे कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सी एस कर्णन आज उच्चतम न्यायालय में व्यक्तिगत तौर पर पेश हुए और काम पर वापस भेजने की मांग की;

Update: 2017-03-31 13:52 GMT

नयी दिल्ली।  अवमानना मामले का सामना कर रहे कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सी एस कर्णन आज उच्चतम न्यायालय में व्यक्तिगत तौर पर पेश हुए और काम पर वापस भेजने की मांग की, जिसे शीर्ष अदालत ने ठुकरा दिया। व्यक्तिगत तौर पर अब तक पेश नहीं होने के कारण जस्टिस कर्णन के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था।

वह मुख्य न्यायाधीश जे एस केहर की अध्यक्षता वाली सात-सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष पेश हुए और उन्हें काम पर वापस भेजे जाने की मांग की। न्यायमूर्ति कर्णन ने कहा, “मुझे काम पर वापस पर भेजा जाये, वर्ना मैं अगली बार अदालत के समक्ष पेश नहीं होऊंगा।

मैं जेल जाने को तैयार हूं।” अदालत में उन्होंने अपना पक्ष स्वयं रखा, लेकिन उनके हावभाव और बहस के अंदाज को लेकर संविधान पीठ ने सवाल खड़े किये। न्यायमूर्ति केहर ने पूछा कि क्या वह मामले की गम्भीरता को समझने के लिए मानसिक तौर पर ठीक हैं।

उन्होंने कहा, “यदि हां, तो आप चिकित्सा प्रमाण पत्र दिखाएं।” आरोपी न्यायाधीश ने किसी तरह के पश्चाताप से इन्कार करते हुए उन्हें काम पर वापस भेजने का अदालत से अनुरोध किया, लेकिन संविधान पीठ नहीं मानी। इस पर न्यायमूर्ति कर्णन ने कहा कि वह जेल भी जाने को तैयार हैं और वह अगली बार से पीठ के समक्ष पेश नहीं होंगे। 

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