पत्रकार स्वयं को क्लास मीडिया नहीं बल्कि मास मीडिया का प्रतिनिधि बनाएं : बारेठ

राजस्थान सरकार में सूचना आयुक्त नारायण बारेठ ने कहा कि वर्तमान में कोरोना के चलते तस्वीर निराशाजनक है इससे उबरने में मीडिया सहायक हो सकता है;

Update: 2021-05-04 01:31 GMT

उदयपुर। राजस्थान सरकार में सूचना आयुक्त नारायण बारेठ ने कहा कि वर्तमान में कोरोना के चलते तस्वीर निराशाजनक है इससे उबरने में मीडिया सहायक हो सकता है।

श्री बारेठ ने आज मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की ओर से विश्व प्रेस स्वंतत्रता दिवस पर कोरोना महामारी एवं टीकाकरण जागरूकता अभियान में मीडिया की भूमिका विषय पर ऑनलाइन विमर्श हुआ।

श्री बारेठ ने कहा कि वर्तमान में कोरोना के चलते तस्वीर निराशाजनक है इससे उबरने में मीडिया सहायक हो सकता है। उन्होंने मीडिया की ताकत का जिक्र करते हुए बताया कि मीडिया नायक को खलनायक और खलनायक नायक बना सकता है। हमें यह देखना होगा कि समाज के वंचित वर्ग मीडिया को किस प्रकार परिभाषित करता है।

उन्होंने कहा कि पत्रकार जगत को क्लास मीडिया नहीं बल्कि मास मीडिया होना चाहिए। वर्तमान में हमारे समक्ष कई चुनौतियां हैं, जनता को सांत्वना देने की चुनौती, लोगों को उपचार दवाई मिले इसकी चुनौती, जनता का मनोबल ऊंचा रहे इसकी चुनौती और विश्व की महफिल में भारत अपना सर उठा सके उसकी चुनौती।

श्री बारेठ ने कहा कि मीडिया की इसमें कहीं ना कहीं चूक रही है। उन्होंने मीडिया की भूमिका की प्रशंसा करते हुए कहा कि कई पत्रकार अपनी जान जोखिम में डालकर भी लोगों की पीड़ा एवं तकलीफ को सबके सामने रख रहे हैं, इससे सरकार भी सचेत हो रही है। उन्होंने दिल्ली के एक संगठन द्वारा जारी आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि कोरोनावायरस के चलते 100 पत्रकारों ने अपनी जान गवाई है, उनमें से 50 में अपने जीवन का बलिदान अप्रैल के महीने में दे दिया।

श्री बारेठ ने वर्तमान स्थिति और 1918 में स्पेनिश फ्लू के समय की स्थिति में तुलना करते हुए बताया कि 1918 में हमारे पास ज्यादा सुविधाएं नहीं थी। संसाधन नहीं थे इसलिए हमने अपनी आबादी का 6 प्रतिशत हिस्सा खोया। लेकिन आज हमारे पास संसाधन है, आवश्यकता है तो बस उनके प्रबंधन की।

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