नई आरक्षण नीति को जेएनयू तैयार

जेएनयू ने आज कहा कि उसने सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, नई आरक्षण नीति अपना ली है और छात्रों तथा शिक्षकों की रिक्तियां बढ़ाने के लिए अपनी योजना की विस्तृत रूपरेखा केंद्र को भेज दी है;

Update: 2019-02-01 17:34 GMT

नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने आज कहा कि उसने सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, नई आरक्षण नीति अपना ली है और छात्रों तथा शिक्षकों की रिक्तियां बढ़ाने के लिए अपनी योजना की विस्तृत रूपरेखा केंद्र को भेज दी है।

विश्वविद्यालय ने यह निर्णय 25 जनवरी को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से एक पत्र प्राप्त करने के बाद लिया। आयोग ने आर्थिक रूप से कमजोर खंड (ईडब्ल्यूएस) को आरक्षण देने के संबंध में वही पत्र अन्य विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को भी भेजा है।

विश्वविद्यालय ने बयान जारी कर कहा, "जेएनयू प्रशासन ने सीटों में 25 फीसदी वृद्धि को लागू करने के लिए संरचनात्मक जरूरतों और नए शिक्षकों की रिक्तियों की एक व्यापक रूपरेखा तैयार की है और इसे अंतिम तारीख 31 जनवरी से पहले जमा करा दिया है।"

उसके अनुसार, "नए आरक्षण तत्र की स्वीकृति और 2019-20 प्रवेश के लिए सीटों की घोषणा यूजीसी के नियमों के अनुसार होगी।"

ईडब्ल्यूएस कोटा संशोधन संसद के पिछले सत्र में पारित हुआ था। इसके अनुसार, आठ लाख रुपये से कम की वार्षिक आमदनी वाले घरों के व्यक्तियों के लिए शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण स्वीकृत किया गया था।

संशोधन के बाद शिक्षण संस्थानों को दिए गए एक निर्देश में सरकार ने छात्रों की सीटों को 25 फीसदी बढ़ाने का निर्देश दिया था।

सरकार ने कहा है कि ईडब्ल्यूएस कोटा से अन्य पिछड़े लोगों के मौजूद आरक्षण पर असर नहीं पड़ेगा।

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