बारहवीं में जांजगीर जिले का परीक्षा परिणाम 71.23 प्रतिशत,कलेक्टर ने बच्चों को दी बधाई

जांजगीर ! छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा आज घोषित परीक्षा परिणाम के अनुसार बारहवीं बोर्ड में जिले का परीक्षा परिणाम 71.23 प्रतिशत है।;

Update: 2017-04-28 05:01 GMT

जांजगीर !   छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा आज घोषित परीक्षा परिणाम के अनुसार बारहवीं बोर्ड में जिले का परीक्षा परिणाम 71.23 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष बारहवीं बोर्ड के परीक्षा परिणाम में चार प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। यह गौरव की बात है कि बारहवीं बोर्ड परीक्षा की टॉप टेन सूची में जिले के दो छात्र रोशन कुमार देवांगन और विष्णु देवांगन का नाम शामिल है। कलेक्टर डॉ. एस. भारतीदासन ने टॉप टेन में स्थान हासिल करने पर रोशन और विष्णु को बधाई और शुभकामनाएं दी है। कलेक्टर ने कहा कि इन बच्चों ने लगन और मेहनत से बारहवीं बोर्ड की परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर जिले का नाम रोशन किया है।
उल्लेखनीय है कि विकासखण्ड बम्हनीडीह के ग्राम करनौद के रोशन कुमार देवांगन ने 96.80 प्रतिशत के साथ टॉप टेन में चौथा और सक्ती के विष्णु देवांगन ने 95.40 प्रतिशत के साथ दसवां स्थान हासिल किया हैं। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि बारहवीं बोर्ड परीक्षा में जिले की छात्राओं का परीक्षा फल 74.63 प्रतिशत और छात्रों का परीक्षा फल 68.12 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि बारहवीं बोर्ड की परीक्षा में 20 हजार 256 छात्र-छात्राएं शामिल हुए। इनमें 10 हजार 558 बालक और 9 हजार 671 बालिका शामिल हैं।  इन परीक्षार्थियों में से कुल 14 हजार 362 छात्र-छात्राएं उत्तीर्ण हुए। परीक्षा परिणाम के अनुसार एक हजार 984 बालक और एक हजार 965 बालिका प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। इसी प्रकार तीन हजार 682 बालक और तीन 960 बालिकाएं द्वितीय श्रेणी तथा एक हजार 481 बालक और एक हजार 253 बालिकाएं तृतीय श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। इसके अलावा 22 बालक व 15 बालिकाएं भी उत्तीर्ण हुए हैं। उन्होंने बताया कि जिले में इस वर्ष बारहवीं की परीक्षा में 20 हजार 541 छात्र-छात्राएं पंजीकृत  थे। पंजीकृत विद्यार्थियों में दस हजार 791 बालक और नौ हजार 750 बालिकाएं हैं।  
बुनकर के बेटे ने बनाया प्रदेश में चौथा स्थान
 कहते हंै प्रतिभा किसी परिचय का मोहताज नहीं रहती, ग्रामीण क्षेत्र मे रहने वाले बुनकर के बेटे ने अपने हालात से जुझते हुए अपने परिवार ,गांव और प्रदेश का नाम रोशन कर इसे साबित कर दिखाया है। माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा घोषित 12 वीं बोर्ड के परिणाम में जांजगीर- चांपा जिला के छात्रों ने भी प्राविण्य सूची में अपना नाम दर्ज कराया है। प्रदेश मे चौथा स्थान लाने वाले छात्र रोशन देवांगन ने गरीबी परिस्थिति और बीमारी से पिता के खोई आंखों के दुख झेलने के बाद भी कठिन परिश्रम कर सफलता को हासिल की है और आगे आईएएस बनने की इच्छा रखता है। जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम करनौद का नाम आज प्रदेश के नक्सा मे उभर गया है। बम्हनीडीह विकासखंड के इस छोटे से गांव के छात्र ने बारहवी बोर्ड परीक्षा मे टाप टेन मे अपना नाम दर्ज करा दिया है। माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा परिणाम घोषित करने के बाद करनौद मे रौशन देवांगन के घर उसके दोस्तो और परिजनो के साथ साथ शिक्षको द्वारा बधाई देने का सिलसिला प्रारंभ हो गया। रोशन ने बताया कि गांव के निजि स्कूल मे पढाई के साथ साथ अपना अधिकांश समय पढाई में ही देता रहा और 10 से 12 घंटा पढाई करता। पिता के बुनकरी कार्य मे से परिवार चलता है। रोशन भी इस काम में अपने पिता का सहयोग करता और पढ़ाई पर भी ध्यान देता। उसके पिता अपने पुस्तैनी बुनकर का काम करते है और थोडा 2 एकड जमीन मे खेती करते रहे है, लेकिन कुछ दिन से उनकी दोनो आँख खराब हो गई है और आंखो की कम रौशनी के कारण काम में परेशानी आ रही है, इसके बाद भी उन्होने हिम्मत नही हारी और अपने बेटे रोशन को आगे पढाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। उनका मानना है कि आँख के इलाज के बाद भी रौशनी आएगी इसकी गारंटी नही, ऐसे मे उस पैसे का उपयोग बच्चो की शिक्षा दीक्षा मे कर उनका भविष्य उज्जवल करना ज्यादा सार्थक होगा।  कठिन मेहनत के परिणाम स्वरुप रोशन ने प्रदेश मे अपने गांव के साथ परिवार का नाम रौशन कर दिया है, और आगे भी सरकारी मदद की आस लिए अपने गरीब माता पिता का नाम रौशन करते हुए कलेक्टर बन कर समाज सेवा करने की चाहत रखता है।
सशिमं के विष्णु का दसवां स्थान
जिले के सक्ती के सरस्वती शिशु मंदिर के छात्र विष्णु कुमार देवांगन ने बारहवीं बोर्ड की परीक्षा में 95.04 प्रतिशत अंक लाकर टॉप टेन में दसवां स्थान प्राप्त किया है। सरस्वती शिशु मंदिर सक्ती में पढ़ाई कर पुरे प्रदेश में दसवा स्थान प्राप्त करने पर विष्णु  के टॉप करने से परिवार सहित पुरे शहर में खुशी का माहौल है। शुरू से मेघावी रहे विष्णु का सपना कलेक्टर बन कर देश की सेवा करने का है , वही विष्णु के पिता भी विष्णु के सपने को पूरा करने की बात कह रहे हैं। विष्णु देवांगन ने कड़ी मेहनत कर यह मुकाम हासिल किया है। विष्णु देवांगन के मुताबिक वो स्कुल के बाद रोजाना आठ से दस घंटे की पढ़ाई करता था , उसका लक्ष्य टॉप टेन में शामिल होने का था। बारहवीं बोर्ड परीक्षा की प्रावीण्य सूची में प्रदेश में दसवा स्थान हासिल करने वाले विष्णु के पिता हेतराम देवांगन ने सिर्फ छठवीं तक की पढ़ाई की है वही विष्णु की माँ सावित्री देवांगन चौथी पास है। माता पिता के कम पढ़े लिखे होने के बाद भी विष्णु ने टॉप टेन में दसवा स्थान प्राप्त कर जो सम्मान अपने माता पिता और गुरुजनों को दिया है उसकी चर्चा पुरे शहर में हैं।

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