इंटरनेट जरूरी है लेकिन सुरक्षा के साथ समझौता नहीं: प्रसाद

 सरकार ने आज राज्यसभा में कहा कि संचार क्षेत्र में क्रांति के मद्देनजर इंटरनेट की सुविधा जरूरी है लेकिन इसके लिए देश की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया जा सकता;

Update: 2019-12-05 17:05 GMT

नयी दिल्ली । सरकार ने आज राज्यसभा में कहा कि संचार क्षेत्र में क्रांति के मद्देनजर इंटरनेट की सुविधा जरूरी है लेकिन इसके लिए देश की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया जा सकता।

संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज उच्च सदन में पूरक प्रश्नों के जवाब में कहा कि कश्मीर में पांच अगस्त के बाद डाक सेवाएं निलंबित नहीं की गयी थी हालाकि देश भर से आने वाली डाक और इलेक्ट्रानिक मनीआर्डरों को नियंत्रित करने के लिए स्पीड पोस्ट , पंजीकृत डाक तथा पार्सलों की बुकिंग और ट्रांसमिशन 5 से 18 अगस्त तक तथा कश्मीर के लिए इलेक्ट्रानिक मनीआर्डरों की बुकिंग 13 से 27 अगस्त तक अस्थायी रूप से निलंबित की गयी थी।

उन्होंने कहा कि यह कदम सुरक्षा कारणों से उठाया गया था और इससे इंटरनेट सेवा प्रभावित हुई थी। साथ ही उन्होंने कहा कि इंटरनेट जरूरी है लेकिन इसके लिए सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया जा सकता। उस समय इंटरनेट के दुरूपयोग की आशंका थी और सरकार के खिलाफ अविश्वास का माहौल बनाने के लिए संचार माध्यमों के इस्तेमाल को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया था।

 प्रसाद ने कहा कि गत अगस्त में प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद डाक विभाग ने पूरी जिम्मेदारी और प्रतिबद्धता के साथ काम किया। इस दौरान डाक घरों से 94 करोड़ रूपये से अधिक का लेन देन हुआ और 5 अगस्त के बाद डाकघर के माध्यम से 4 हजार से अधिक पासपोर्ट डिलिवर किये गये।
 

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