नई शिक्षा नीति में भारतीयता का समावेश आवश्यक : लालजी

बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारतीयता के समावेश आवश्यक बताया और कहा कि लॉर्ड मैकाले के सिद्धांतो पर आधारित शिक्षा-नीति से देश का कल्याण नहीं हो सकता;

Update: 2019-07-18 02:13 GMT

पटना। बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारतीयता के समावेश आवश्यक बताया और कहा कि लॉर्ड मैकाले के सिद्धांतो पर आधारित शिक्षा-नीति से देश का कल्याण नहीं हो सकता। 

श्री टंडन ने महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय तथा भारतीय राजनीति विज्ञान परिषद् के संयुक्त तत्वावधान में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), पटना के सभागार में आयोजित एकदिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति, सभ्यता एवं ज्ञान-परम्परा की समृद्धि से जुड़ी बातों को नयी ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ में समाहित किया जाना चाहिए। लॉर्ड मैकाले के सिद्धांतो पर आधारित शिक्षा-नीति से भारत का कल्याण नहीं हो सकता। भारतीय ज्ञान-परम्परा और विचार-प्रवाह से जुड़े रहते हुए विश्व की आधुनिक तकनीकी विकास की प्रक्रिया के सकारात्मक पहलुओं को नई ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ में समाहित करना ज्यादा प्रासंगिक और हितकर होगा। 

राज्यपाल ने कहा कि बिहार की पावन भूमि में चाणक्य जैसे अर्थशास्त्री, आर्यभट्ट जैसे गणितज्ञ, सुश्रुत जैसे ‘सर्जरी के जनक’, चन्द्रगुप्त जैसे सम्राट हुए, जिन्होंने भारतीय ज्ञान-परम्परा में अपना बहुमूल्य योगदान दिया। उन्होंने कहा, “वेद हमारी भारतीय संस्कृति के प्राण-तत्व हैं। वेदों में ही ‘अणु-परमाणु’ की मूल वैज्ञानिक परिकल्पना समाहित है। आधुनिक वैज्ञानिक भी प्राचीन भारतीय वैज्ञानिक ज्ञान-सम्पदा की समृद्धि को स्वीकारते हैं।”
 

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