सौर ऊर्जा परियोजनाओं को वित्तीय मदद देगा भारत

भारत ने आईएसए के अंतर्गत विकासशील देशों को सौर ऊर्जा परियोजनाओं के निर्माण एवं रियायती वित्तपोषण की दिशा में नेतृत्वकारी कदम उठाते हुए इस गठजोड़ के तहत परियोजना निर्माण केन्द पीपीएफ का गठन किया है;

Update: 2018-03-12 00:17 GMT

नई दिल्ली। भारत ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के अंतर्गत विकासशील देशों को सौर ऊर्जा परियोजनाओं के निर्माण एवं रियायती वित्तपोषण की दिशा में नेतृत्वकारी कदम उठाते हुए इस गठजोड़ के तहत परियोजना निर्माण केन्द्र पीपीएफ का गठन किया है और 15 देशों की 27 परियोजनाओं को करीब डेढ़ अरब डॉलर की मदद देने का ऐलान किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यहां आईएसए के औपचारिक उद्घाटन के मौके पर पीपीएफ के गठन और बांग्लादेश, बेनिन, बुरकीनाफासो, चाड, कांगो, घाना, गिनी, माली, नाइजर, नाइजीरिया, रवांडा, सेशेल्स, श्रीलंका, तंजानिया और टोगो के लिए 27 परियोजनाओं को 1.393 अरब डॉलर की मदद देने की घोषणा की। उल्लेखनीय है कि भारत आठ देशों-मॉरिशस, मोजाम्बीक, नाइजर, नाइजीरिया, सूडान, सूरीनाम, सेनेगल और सिएरा लिओन में 14.3 करोड़ डॉलर की 13 परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रहा है और इनमें से छह परियोजनाओं पर काम भी पूरा हो चुका है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, पीपीएफ केंद्र भारत की वित्तीय सहायता से विकासशील देशों के लिए सौर उर्जा परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए बहुत उपयोगी होगा। इसमें तैयार की जाने वाली परियोजनाओं को रियायती ऋण उपलब्ध कराए जाने पर विचार किया जा सकता है।

सूत्रों के अनुसार से बांग्लादेश को 18 करोड़ डॉलर की दो परियोजनाएं तथा श्रीलंका को दो लाख मकानों में छतों पर सौर पैनल लगाने एवं अस्पतालों, स्कूलों आदि सार्वजनिक इमारतों में सौर उर्जा पैनल लगाने दस करोड़ डॉलर की दो परियोजनाएं शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, पीपीएफ के माध्यम से सौर उर्जा के क्षेत्र में क्षमता के अंतर की पहचान और परियोजना की आवश्यकता तय करने, परियोजना का खाका तय करने और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने में मदद की जाएगी।

परामर्श सेवाओं को मांग पर अनुदान के आधार पर प्रदान किया जाएगा।  सूत्रों के अनुसार, पीपीएफ को इस आशय का अनुरोध संबंधित देश में भारतीय मिशन के माध्यम से विदेश मंत्रालय को भेजा जा सकता है। 

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