भारत को बेहतर मानव पूंजी सूचकांक की जरूरत

आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि भारत को डिजिटल युग में मानव पूंजी की स्थिति की माप के लिए बेहतर मापक की जरूरत है;

Update: 2018-10-14 00:12 GMT

नई दिल्ली। आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि भारत को डिजिटल युग में मानव पूंजी की स्थिति की माप के लिए बेहतर मापक की जरूरत है। सुभाष गर्ग ने यह बात भारत द्वारा विश्व बैंक के मानव पूंजी सूचकांक (एचसीआई) को खारिज करने के तुरंत बाद कही है। 

वित्त मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में गर्ग के उस बयान का उल्लेख किया गया है जिसमें उन्होंने कहा, "एचसीआई में डिजिटल युग की मानवपूंजी की स्थिति और उत्पादन प्रणाली की माप के लिए औद्योगिक युग के मापक का उपयोग किया जाता है।"

गर्ग ने यह बयान इंडोनेशिया के बाली में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के सम्मेलन में कही। वह इस सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे थे। 

उन्होंने वहां एक बेहतर मापक की आवश्यकता बताई। 

आईएमएफ की विकास समिति के सत्र में शुक्रवार को गर्ग ने जोर देकर कहा कि इस बात को समझने की जरूरत है कि डिजिटल प्रौद्योगिकी में हो रहे बदलाव औद्योगिक क्रांति की नींव रखने वाले भाप ईंजन के आविष्कार से ज्यादा मौलिक हैं। 

विश्व बैंक के एचसीआई में मानव पूंजी की गुणवत्ता के मामले में भारत को 157 देशों की सूची में 115वें पायदान पर रखा गया है। यह सूची पांच प्राचलों पर आधारित हैं, जिनमें शिशुओं की उत्तरजीविता, स्कूल में नामांकन, शिक्षा की गुणवत्ता, स्वास्थ्य, वयस्क उत्तरजीविता शामिल हैं।

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