अपने खिलाफ याचिका की त्वरित सुनवाई का इंडिया बुल्स का आग्रह

इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (आईबीएचएफएल) ने अपने खिलाफ सार्वजनिक धन के दुरुपयोग का आरोप लगाने वाली एक याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए उच्चतम न्ययालय से अनुरोध किया है;

Update: 2019-06-12 13:39 GMT

नई दिल्ली। इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (आईबीएचएफएल) ने अपने खिलाफ सार्वजनिक धन के दुरुपयोग का आरोप लगाने वाली एक याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए उच्चतम न्ययालय से अनुरोध किया है।

आईबीएचएफएल ने एक दुग्ध विक्रेता की ओर से दायर याचिका को ओछी हरकत करार देते हुए कहा कि इसने कंपनी को काफी नुकसान पहुंचाया है। 

आईबीएचएफएल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी की अध्यक्षता वाली अवकाशकालीन खंडपीठ के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख किया और त्वरित सुनवाई का आग्रह भी किया।

सुनवाई के दौरान श्री सिंघवी ने पीठ से कहा कि याचिका में कंपनी के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाए गए हैं और इसे मीडिया में लीक किया जा रहा है। उन्होंने दलील दी कि मीडिया रिपोर्टों के कारण आईबीएचएफएल के शेयरों को नुकसान उठाना पड़ रहा है और न्यायालय को संबंधित याचिका की त्वरित सुनवाई करनी चाहिए। 

न्यायालय ने कहा कि वह आईबीएचएफएल के खिलाफ दायर याचिका को सूचीबद्ध करने पर जल्द फैसला लेगा।

इससे पहले आईबीएचएफएल ने गत सोमवार को शीर्ष अदालत में कंपनी के खिलाफ 98,000 करोड़ रुपये की हेराफेरी के आरोप में दायर याचिका को उसकी छवि खराब करने और लक्ष्मी विलास बैंक के साथ उसके विलय में अड़ंगा डालने की चाल करार दिया। 

कंपनी ने कहा कि दुग्ध विक्रेता अभय यादव ने कंपनी के सिर्फ चार शेयर खरीदे हैं और उनकी ओर से दायर याचिका कंपनी की छवि धूमिल करने का एक निराशापूर्ण प्रयास है।

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