महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों में बढ़ी असुरक्षा की भावना, बढ़े अपराध

दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराध निरंतर बढ़ रहे हैं तो वहीं छेड़छाड़ की सबसे ज्यादा घटनाएं दक्षिणी दिल्ली में दर्ज की गई;

Update: 2017-11-23 23:58 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराध निरंतर बढ़ रहे हैं तो वहीं छेड़छाड़ की सबसे ज्यादा घटनाएं दक्षिणी दिल्ली में दर्ज की गई। एक सर्वे के अनुसार 18 साल से ऊपर की उम्र वाले हर 14 व्यक्तियों में एक को किसी न किसी अपराध का सामना करना पड़ रहा है। वर्ष 2016 में महिलाओं से छेड़छाड़ के कुल 3969 मामले दर्ज किए गए, अपहरण के दर्ज कुल मामलों में से 59.60 प्रतिशत मामलों का संबंध महिलाओं के अपहरण से था। अपराध पर नकेल कसने के लिए पुलिस में उपनिरीक्षकों की 26 प्रतिशत व सिपाही की 10 प्रतिशत की कमी से हालात और चिंताजनक बने हुए हैं।

       अपराध पर श्वेत पत्र जारी करते हुए हंसा रिसर्च के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अंजन घोष ने कहा कि महिलाएं, बच्चे व वरिष्ठ नागरिकों में सुरक्षा का अहसास मात्र 60 फीसदी ही है और अपराध का सामना करने वाले हर तीन में एक ने अधिकारियों को सूचना ही नहीं दी। प्रजा फाउंडेशन के परियोजना निदेशक मिलिंद म्हस्के ने बताया कि 2016 में 2181 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें से 44.80 प्रतिशत मामले लैंगिक अपराधों से बालको का संरक्षण पॉस्को अधिनियम 2016 के तहत पंजीकृत किये गये।

वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव ने अपराध पर कहा कि बच्चों, माता-पिता, स्कूलों और कॉलेजों के साथ मिलकर यौन उत्पीडऩ के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाना चाहिए तभी इस क्षेत्र में जागरूकता आएगी।

दिल्ली पुलिस में पुलिसकर्मियों की भारी कमी पर रिसर्च से पता चला कि अतिरिक्त पुलिस आयुक्त स्तर के अधिकारियों की 58 प्रतिशत, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त 33 प्रतिशत, एसीपी 24 प्रतिशत, एसआई 26 व सिपाही की 10 प्रतिशत कमी मार्च 2017 तक सबसे ज्यादा कमी दर्ज की गई। 'इस बारे में सबसे अधिक चिंता की बात यह है किए इस सच को स्वीकार करने के बजाय कि शहर प्रशासन और प्रशासन तंत्र में एक समस्या है, केवल वादे किए जा रहे हैं। इसका एक बड़ा उदाहरण यह है कि जब से आप सरकार बनी है, तबसे राज्य सुरक्षा आयोग का गठन ही नहीं हुआ है।यह बात प्रजा फाउंडेशन की सहायक प्रबंधक अंजली श्रीवास्तव ने कही।

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