दिल्ली में कमाई बढ़ी, स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र में सुधार
दिल्ली सरकार के वित्त एवं उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज वर्ष 2017-18 का आर्थिक सर्वेक्षण पेश करते हुए दिल्ली की अर्थव्यवस्था को मजबूत बताते बताया कि दिल्ली का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 686;
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के वित्त एवं उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज वर्ष 2017-18 का आर्थिक सर्वेक्षण पेश करते हुए दिल्ली की अर्थव्यवस्था को मजबूत बताते बताया कि दिल्ली का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 686017 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंचने का अनुमान हैं, जो 2016-17 की तुलना में 11.22 प्रतिशत की वृद्धि बताता है।
दिल्ली का निवल राज्य घरेलू उत्पाद 626002 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंचने का अनुमान है जो कि 11.51 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। वहीं प्रति व्यक्ति आय वर्तमान मूल्यों पर 2017-18 के दौरान 329093 रुपये पर पहुंच जाने की संभावना है, जबकि 2016-17 में यह 300793 रुपये थी। दिल्ली की अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र की प्रधानता है।
अग्रिम अनुमानों के अनुसार 2017-18 के दौरान वर्तमान मूल्यों पर दिल्ली के सकल राज्य मूल्य वर्धन में तृतीयक क्षेत्र का योगदान 85.92 प्रतिशत रहा। इसके बाद माध्यमिक क्षेत्र 12.04 प्रतिशत और प्राथमिक क्षेत्र 2.04 प्रतिशत का स्थान है। वर्तमान और स्थिर दोनों मूल्यों पर दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक थी। दिल्ली विधानसभा ने 31 मई, 2017 को राज्य वस्तु एवं सेवा अधिनियम पारित किया और इस तरह 01 जुलाई 2017 से दिल्ली में जीएसटी लागू हो गया। दिसंबर 2017 तक वर्तमान वैट व्यापारियों में से करीब 75 प्रतिशत का स्थानांतरण जीएसटी में किया जा चुका था। राजस्व प्राप्तियों पर ब्याज भुगतान अनुपात में भी कमी आई और यह 2007-08 के 16.79 प्रतिशत से घटकर 2016.17 में 8.39 प्रतिशत रह गया।
इससे स्पष्ट पता चलता है कि ऋण की समस्या राज्य सरकार के भलीभांति नियंत्रण में है। वर्ष 2016.17 अनंतिम के दौरान कर राजस्व की वार्षिक वृद्धि दर 3.03 प्रतिशत हुई जबकि 2015-16 में यह 13.61 प्रतिशत थी। दिल्ली सरकार के कर वसूली लक्ष्य में 2017-18 बजट अनुमान में 19.33 प्रतिशत की वृद्धि लक्षित है। दिल्ली ने अपनी राजस्व अधिशेष की स्थिति निरंतर बनाए रखी है व 2016-17 अनंतिमद्ध के दौरान राजस्व अधिशेष 5044 करोड़ रुपये का रहा जबकि 2015-16 में यह 8656 करोड़ रुपये था। दिल्ली का राजस्व अधिशेष 2016-17 में जीएसडीपी का 1.58 प्रतिशत था, जो 2017-18 बजट अनुमान में घट कर जीएसडीपी का 0.82 प्रतिशत रह गया। दिल्ली में सामाजिक क्षेत्र पर व्यय 10वीं पंचवर्षीय योजना में 48.79 प्रतिशत था।
जो 11वीं पंचवर्षीय योजना में बढ़ कर 57.12 प्रतिशत और 12वीं पंचवर्षीय योजना में बढ़ कर 68.14 प्रतिशत हो गया। वित्तीय वर्ष 2017.18 में कार्यक्रमोंध्परियोजनाओं के लिए आवंटित बजट में सामाजिक क्षेत्र के लिए 72 प्रतिशत बजट आवंटित किया गया। 2017-18 में एक बड़ा परिवर्तन लागू किया गयाए जिसमें नीति आयोग के निर्णय के अनुसार पंचवर्षीय योजनाओं और वार्षिक योजनाओं की पद्धति को छोड़ते हुए व्यय के योजना, गैरयोजना वर्गीकरण की पद्धति समाप्त कर दी गई। नई व्यवस्था वार्षिक योजना 2016-17 की समाप्ति के साथ अपनाई गई, जो 12वीं पंचवर्षीय योजना 2012.17 का अंतिम वर्ष था।
वर्ष 2017-18 से शुरू किया गया आउटकम बजट प्रक्रिया 2017-18 में भी आउटकम बजट की धारणा अपनाई गई। वित्तीय वर्ष 2017-18 में शिक्षा क्षेत्र को प्रथम वरीयता जारी रही और कार्यक्रमों, परियोजनाओं के लिए आवंटित बजट का 19.1 प्रतिशत हिस्सा इस क्षेत्र के लिए आवंटित किया गया। इसके बाद सामाजिक सुरक्षा और कल्याण 16.7 प्रतिशत, परिवहन 16.5 प्रतिशत, चिकित्सा और जनस्वास्थ्य 14.2 प्रतिशत, आवास और शहरी विकास 12.8 प्रतिशत, जलापूर्ति और स्वच्छता 9.5 प्रतिशतद्ध का स्थान रहा। 2011 की जनगणना के अनुसार 97.50 प्रतिशत आबादी शहरी क्षेत्र में रहती है। दिल्ली का ग्रामीण क्षेत्र 2001 में 558.32 वर्ग किलोमीटर था। जो 2011 में घट कर 369.35 वर्ग किलोमीटर रह गया। दिल्ली में गांवों की संख्या 2001 में 165 थी, जो 2011 में घटकर 112 रह गई। दिल्ली में आबादी का घनत्व 2001 में 9340 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर था।
जो 2011 में बढ़ कर 11320 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर हो गया। दिल्ली में नागरिक पंजीकरण प्रणाली के अंतर्गत पंजीकृत जन्म के अनुसार लिंग अनुपात 2001 में प्रति 1000 के लड़कों के पीछे 809 लड़कियां थीं, जो 2016 में बढ़कर 902 हो गया है। इससे एक रचनात्मक परिदृश्य बना है। दिल्ली की जनसंख्या मार्च, 2011 में 167.88 लाख थी। 2001-2011 की अवधि में दिल्ली की दशकीय आबादी में बढ़ोतरी 21.2 प्रतिशत की दर से हुई जबकि 1961.1991 की अवधि में यह करीब 50 प्रतिशत और 1991.2001 के दौरान 47 प्रतिशत थी।
वन और ग्रामीण विकास
दिल्ली में कुल वन और वृक्षाच्छादित क्षेत्र 2015 में 299.77 वर्ग किलोमीटर थाए जो 2017 में बढ़कर 305.41 वर्ग किलोमीटर हो गया है। दिल्ली का हरित क्षेत्र 2015 में करीब 20.2 प्रतिशत थाए जो 2017 में बढ़ कर 20.6 प्रतिशत हो गया है। दक्षिण दिल्ली जिले में वन आच्छादित क्षेत्र सबसे ज्यादा 83.35 वर्ग किलोमीटरए और पूर्वी दिल्ली जिले में वन आच्छादित क्षेत्र सबसे कम 3.70 वर्ग किलोमीटर है। सकल फसल क्षेत्र 2000-01 के दौरान 52816 हेक्टेयर था, जो 2017-18 में घट कर 34750 हेक्टेयर रह गया। इस कमी के मुख्य कारणों में तीव्र शहरीकरण और विशेषकर पिछले दो दशकों में व्यावसायिक पैटर्न में बदलाव है।
दिल्ली ग्रामीण विकास बोर्ड डीआरडीबी के स्थान पर एक नया सलाहकार बोर्ड गठित किया गयाए जिसे दिल्ली ग्राम विकास बोर्ड का नाम दिया गया। डीवीडीबी दिल्ली में ग्रामीण और शहरी गांवों के समेकित विकास के लिए गठित किया गया है। दिल्ली में पशु चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के लिए 47 सरकारी पशु चिकित्सालयए 28 पशु चिकित्सा औषधालय और 2 प्रयोगशालाध्अनुसंधान केंद्र हैं।
विद्युत और उद्योग
-दिल्ली में विद्युत आपूर्ति 2010.11 के दौरान 32744 मिलियन यूनिट थीए जो 2016.17 में बढ़ कर 34011 मिलियन यूनिट हो गई।
-दिल्ली में विद्युत उपभोक्ताओं की कुल संख्या 2016.17 में 55.68 लाख थी। पिछले 10 वर्षों में विद्युत उपभोक्ताओं की संख्या में 94.11 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है।
-व्यस्तता के समय विद्युत की मांग 2010.11 में 4720 मेगावाट थी जो 2016.17 में बढ़ कर 6261 मेगावाट हो गई।
-बिजली की खपत में करीब 3.51 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज हुई है।
-दिल्ली में नवीकरणीय ऊर्जा की कुल संस्थापित क्षमता 31 जनवरी को 129.34 मेगावाट, सोलर 77.34 मेगावाट $ डब्ल्यूटीई 52 मेगावाट दर्ज हुई।
-दिल्ली में 2013 में कराई गई छठी आर्थिक गणना के अनुसार कुल 8ण्75 लाख प्रतिष्ठान थेए जिनमें से केवल 1ण्42 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में और 98ण्58 प्रतिशत शहरी क्षेत्रों में थे।
-छठी आर्थिक गणना में प्रतिष्ठानों की संख्या में 1.94 प्रतिशत का इजाफा हुआ जबकि पूर्ण संदर्भ में 2005 में कराई गई 5वीं आर्थिक गणना की तुलना में 117 565 प्रतिष्ठानों की बढ़ोतरी हुई।
-दिल्ली की अर्थव्यवस्था में माध्यमिक क्षेत्र के अंतर्गत सर्वाधिक योगदान विनिर्माण उप.क्षेत्र का हैए चूंकि विनिर्माण क्षेत्र से आय 2011.12 में 18907 करोड़ रुपये थीए जो 2017.18 के अग्रिम अनुमानों के अनुसार बढ़ कर 27756 करोड़ रुपये पर पहुंच गई।
-दिल्ली में चालू फैक्ट्रियों की संख्या 2012 में 8557 थीए जो 2016 में बढ़ कर 8968 हो गईं।
परिवहन
-दिल्ली में मोटरवाहनों की कुल संख्या 31 मार्च 2017 को 103.83 लाख पर पहुंच गई जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में 6.99 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई।
-परिचालनगत स्तर पर दिल्ली में 08 जनवरी 2018 को प्रायोगिक आधार पर डीटीसी की 200 बसों और 50 क्लस्टर बसों में कॉमन मोबिलिटी कार्ड शुरू किया गया है, जिसकी सहायता से दिल्ली मेट्रो रेलकार्ड का इस्तेमाल ईटीएम के द्वारा बसों का किराया अदा करने के लिए किया जा सकता है।
-मेट्रो का मौजूदा नेटवर्क फेज.3 का कार्य पूरा हो जाने के बाद बढ़कर लगभग 350 किलोमीटर ;एनण्सीण्आरण् सहितद्ध हो जाएगा।
-दिल्ली मैट्रो की औसत दैनिक यात्री संख्या 2016.17 के दौरान करीब 28 लाख रही जिसके तीसरे चरण का काम पूरा होने पर 40 लाख तक पहुंच जाने का अनुमान है।
-दिल्ली में 8 कलस्टरों के अंतर्गत प्राइवेट सेक्टर कार्पोरेट कैरिज आपरेटरों द्वारा 1757 बसें प्रचालित की जा रही हैं।
-वर्तमान में दिल्ली में विभिन्न स्थानों पर 83 फ्लाईओवर और आरयूबीध्आरओबी के निर्माण का कार्य पूरा कर लिया गया है। मधुबन चैक से मुकरबा चैकए विकासपुरी से मीरा बागए मंगोलपुरी से मधुबन चौक, वजीराबाद से मुकरबा चैक पर फ्लाईओवर जनता के इस्तेमाल के लिए खोल दिए गए हैं।
आवास और जलापूर्ति
-दिल्ली में जलापूर्ति और वितरण दिल्ली जल बोर्ड द्वारा किया जाता है। 31 मार्चए 2017 को दिल्ली जल बोर्ड की कुल उपचार क्षमता 12 जल उपचार संयंत्रों के साथ 906 एमजीडी थी।
-दिल्ली जल बोर्डे के पास वितरण के लिए कुल जल संसाधन 913 एमजीडी उपलब्ध हैंए जिनमें से यमुना नदी ;375 एमजीडीद्धए गंगा नदी ;240 एमजीडीद्धए भाखड़ा स्टोरेज ;218 एमजीडीद्ध और 80 एमजीडी ट्यूबवेलए भूमिगत जल जैसे अन्य स्रोतों से उपलब्ध हैं।
-दिल्ली में 20 किलो लीटर प्रति माह तक पानी की खपत करने वाले उन सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 01 मार्च 2015 से शत प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है जिनके मीटर चालू हालत में हैं। ऐसे उपभोक्ताओं को पानी के बिलों के भुगतान से पूरी तरह छूट दी गई है। वर्ष 2015.16 और 2016.17 में दिल्ली सरकार ने इस मद में 515 करोड़ रूपये व्यय किये।
-दिल्ली जल बोर्ड की मल जल उपचार क्षमता 31 मार्चए 2017 को 607 एमजीडी हैै।
-दिल्ली जल बोर्ड द्वारा प्रदान किए गए जल कनेक्शनों की कुल संख्या 2009.10 की 17ण्85 लाख से बढ़ कर 2016.17 में 24ण्95 लाख हो गई।
-डूसिब ने द्वारका, सुलतानपुरी और सवादा घेवरा में आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्गों के लिए 10684 फ्लैटों का निर्माण किया है। भलस्वा में 7400 ईडब्ल्यूएस फ्लैट निर्माणाधीन हैं, जिनका निर्माण कार्य 31ण्03ण्2018 तक पूरा हो जाने की संभावना है।
- दिल्ली के सभी पांच स्थानीय निकायों को दिसंबर 2017 तक खुले में शौच जाने से मुक्त शहरद्ध घोषित किया गया है।
शिक्षा
-दिल्ली में अच्छी क्वालिटी के स्कूलए कॉलेज और विश्वविद्यालय तथा अनुसंधान और उच्च शिक्षा केंद्र स्थित हैं। दिल्ली की पुरुषध्महिला साक्षरता क्रमश: 90ण्9 प्रतिशत और 80ण्8 प्रतिशत है। दिल्ली में साक्षरता की दर 86 प्रतिशत हैए जो 2011 की जनगणना के अनुसार अखिल भारतीय स्तर की 74 प्रतिशत की दर से काफी ऊंची है।
-दिल्ली सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में निवेश में महत्वपूर्ण इजाफा किया है और शिक्षा के लिए बजट राशि 2012.13 की 5491 करोड़ रुपये से बढ़ कर 2017.18 में 11300 करोड़ रुपये हो गई। सरकार के लिए शिक्षा क्षेत्र सर्वाधिक वरीयता वाला क्षेत्र हैए जिसकी हिस्सेदारी 2017.18 के बजट में सबसे अधिक यानी 23.54 प्रतिशत थी।
-2017.18 में शिक्षा पर व्यय दिल्ली के सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 1.65 प्रतिशत थाए जो अन्य क्षेत्रों की तुलना में सर्वाधिक था।
-दिल्ली में सरकार द्वारा प्रति विद्यार्थी प्रति वर्ष शिक्षा व्यय 2012.13 में 29641 रुपये थाए जो 2016.17 में बढ़ कर 54910 रुपये हो गया और 2017.18 बजट अनुमान में 61622 रुपये के स्तर पर पहुंचने का अनुमान है।
-दिल्ली में स्कूलों की कुल संख्या 2012.13 में 5155 थीए जो 2016.17 में बढ़ कर 5772 हो गई।
-दिल्ली के स्कूलों में विद्यार्थियों के दाखिलों की संख्या 2012.13 में 42.68 लाख थीए जो 2016.17 में बढ़ कर 44.43 लाख हो गई। 2016.17 में विद्यार्थी.शिक्षक अनुपात बढ़कर 30 पर पहुंच गया।
-दिल्ली सरकार के अंतर्गत 1228 सरकारी और सरकार से सहायता प्राप्त स्कूल हैंए जो दिल्ली में संचालित कुल स्कूलों का 21ण्27 प्रतिशत हैंए जबकि सरकारी और सरकार से सहायता प्राप्त स्कूलों की दाखिलों में हिस्सेदारी 2016.17 के दौरान कुल दाखिलों का 37ण्92 प्रतिशत थी।
-19 नए स्कूल भवनों का निर्माण कार्य पूरा किया गया। शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने और विद्यार्थी शिक्षक अनुपात को आदर्श रूप प्रदान करने के लिए विभिन्न मौजूदा स्कूलों में करीब 6787 अतिरिक्त क्लासरूम उपलब्ध कराए गए।
-155 सर्वोदय विद्यालयों में प्राथमिक कक्षाएं प्रारंभ की गई हैं। इससे नर्सरी कक्षा में अधिक विद्यार्थियों को दाखिला देने का मार्ग प्रश्स्त हुआ है।
-शिक्षा ऋण सुविधा का लाभ उठाने वाले विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा प्रदान करने के लिए 20 जूनए 2016 को ऑनलाइन वेब पोर्टल का शुभारंभ किया गया। शिक्षा ऋण के लिए गारंटी दिल्ली उच्च शिक्षा एवं कौशल ऋण गारंटी निधि न्यास द्वारा दी जाती है।
-दिल्ली में उच्च शिक्षा संस्थान 2012.13 में 209 से बढ़कर 2017.18 में 219 हो गए और तकनीकी संस्थान 2012.13 में 99 से बढ़कर 2016.17 में 104 हो गए।
-दिल्ली में तकनीकी संस्थानों में विद्यार्थियों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई हैए जोकि 2012.13 में 23581 से 2016.17 में बढ़कर 34168 हो गई। दिल्ली में तकनीकी संस्थानों में विद्यार्थियों की संख्या में पिछले 6 वर्षों में 54 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है।
स्वास्थ्य
-दिल्ली के स्वास्थ्य क्षेत्र ढांचे के अंतर्गत 1240 औषधालय, 1057 नर्सिंग होम, 193 प्रसूति गृह, 62 पोलीक्लिनिक्स, स्पेशल क्लिनिक्स, 83 अस्पताल और 17 मेडिकल कॉलेज शामिल हैं।
-अस्पतालों में बिस्तरों की कुल संख्या 2012.13 में 42695 थी जो 2016.17 में बढ़ कर 53329 हो गई जिससे इस तरह इसी अवधि के दौरान आबादी.बिस्तर अनुपात प्रति 1000 व्यक्तियों पर बिस्तर 2.47 से बढ़कर 2.86 हो गया।
-नागरिकों की दहलीज पर स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं प्रदान करने के लिए मोहल्ला क्लिनिक और पोलीक्लिनिक खोले जा रहे हैं।
-शिशु मृत्यु दरए नवजात मृत्यु दरए 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर जैसे महत्वपूर्ण संकेतकों के संदर्भ में दिल्ली का स्तर क्रमश: 18, 12 और 22 है, जो अखिल भारतीय स्तर क्रमश. 34, 24 और 39 की तुलना में कम है। दिल्ली की कुल जनन दर 1.6 प्रतिशत है, जो भारत में सबसे कम अखिल भारतीय स्तर.2.3 प्रतिशत है।
-दिल्ली में वर्षं 2016 में अस्पतालों में प्रसव का अनुपात 86.74 प्रतिशत था। इसी प्रकार बच्चों के पूर्ण टीकाकरण के मामले में 86 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया गया है।
-दिल्ली में अपरिपक्व मृत्यु दर .4 प्रतिशत भी समूचे देश की तुलना में सबसे कम है और जीवन संभाव्यता दूसरे स्थान पर सबसे अधिक करीब 73.8 वर्ष है।
-दिल्ली में स्वास्थ्य पर प्रति व्यक्ति खर्च 2016.17 में बढ़ कर 2233 रुपये हो गयाए जो 2011.12 में 1548 रुपये था। इस तरह स्वास्थ्य पर प्रतिव्यक्ति व्यय में पिछले 5 वर्षों में 44 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
-दिल्ली में 5210 आशा वर्कर काम कर रही हैें। एक आशा का चयन 2000 की आबादी पर किया जाता है।
सामाजिक सुरक्षा और कल्याण
-करीब 4.20 लाख वरिष्ठ नागरिकों को वित्तीय वर्ष 2017.18 ;दिसंबरए 2017 तकद्ध में मासिक वृद्धावस्था पेंशन दी गई और 2016.17 के दौरान करीब 3.82 लाख वरिष्ठ नागरिकों को मासिक वृद्धावस्था पेंशन दी गई थी।
-करीब 2 लाख ष्मुसीबत में फंसी महिलाओं यानी विधवा, तलाकशुदा, न्यायिक दृष्टि से पृथक और निस्सहाय महिलाओंष् को 2017.18 के दौरान मासिक वित्तीय सहायता दी गई और 2016.17 में यह संख्या 1.77 लाख थी।
-2017.18 ;दिसंबरए 2017 तकद्ध के दौरान ष्भिन्न दृष्टि से सक्षम व्यक्तियों को वित्तीय सहायताष् कार्यक्रम के अंतर्गत करीब 75600 दिव्यांग व्यक्तियों को मासिक वित्तीय सहायता दी गई। 2016.17 में इस कार्यक्रम के अंतर्गत करीब 71581 व्यक्तियों को वित्तीय सहायता प्रदान की गई।
-वर्ष 2016.17 में राष्ट्रीय परिवार लाभ कार्यक्रम के अंतर्गत करीब 7000 परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान की गई।
-दिल्ली सरकार कक्षा 1 से 12वीं तक के एसएसटी, पिछड़े वर्ग व अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को स्टेशनरी खरीदनेए स्कॉलरशिपध्योग्यता स्कॉलरशिप के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। दिल्ली सरकार पब्लिक स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को ट्यूशन फीस की अदायगी भी करती है।
-दिल्ली सरकार ने 2017.18 में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का पारिश्रमिक 5000ध्. रुपये प्रति माह से बढ़ा कर 9678ध्. रुपये प्रति माह और आंगनवाड़ी सहायकों का पारिश्रमिक 2500 रुपये प्रति माह से बढ़ा कर 4839 रुपये प्रति माह कर दिया है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली
-दिल्ली राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 को लागू करने वाले अग्रणी राज्यों में से एक हैए जिसने 1 सितंबरए 2013 से इस विधेयक को लागू किया।
-दिल्ली सरकार अभी तक 19.40 लाख पात्र परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा स्मॉर्ट कार्ड प्रदान कर चुकी हैए जिन्हें मिला कर इस कार्यक्रम के अंतर्गत लाभार्थियों की संख्या 31 मार्चए 2017 को 72ण्48 लाख हो गई। लगभग सभी डिजिटल खाद्य सुरक्षा कार्ड आधार से जोड़े गए हैं।
-सरकार 2254 उचित दर दुकानों के नेटवर्क के जरिए करीब 72ण्48 लाख निर्धन लोगों को अनाज की आपूर्ति आवर्ती आधार पर रियायती मूल्य पर कर रही है।
-सभी लाभार्थियों को आधार सक्षम प्वाइंट ऑफ सेल उपकरण के जरिए राशन वितरित करने के लिए सभी उचित दर दुकानों पर ई-पीओएस उपकरण लगाए गए हैं।