बम ब्लास्ट में युवक ने खो दी थी एक हाथ की चार अंगुलियां

जेपी हॉस्पिटल के प्लास्टिक, एस्थेटिक एंड रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी विभाग के चिकित्सकों की टीम ने एक बार फिर एक अद्भुत एवं अति जटिल सर्जरी कर विश्व चिकित्सकीय इतिहास में भारतीय चिकित्सीय पद्धति को रोशन किय;

Update: 2017-08-30 14:16 GMT

ग्रेटर नोएडा। जेपी हॉस्पिटल के प्लास्टिक, एस्थेटिक एंड रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी विभाग के चिकित्सकों की टीम ने एक बार फिर एक अद्भुत एवं अति जटिल सर्जरी कर विश्व चिकित्सकीय इतिहास में भारतीय चिकित्सीय पद्धति और अपने हुनर को रोशन करने का काम किया है। इस विभाग की टीम ने अफगानिस्तान निवासी 22 वर्षीय युवक के दाएं हाथ में अंगूठे का सफल प्रत्यारोपण कर दिखाया। गौर करने वाली बात यह है कि मरीज के इस हाथ में केवल तर्जनी अंगुली ही शेष थी, और इस कारण मरीज अपने दाएं हाथ से पूरी तरह किसी तरह का कार्य करने में सक्षम नहीं था।

इस जटिल सर्जरी में चिकित्सकों को करीब 7 घंटों का समय लगा। यह अभूतपूर्व सफलता जेपी हॉस्पिटल के प्लास्टिक, एस्थेटिक एंड रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. आशीष राय एवं डॉ. सौरभ गुप्ता एवं उनकी टीम को मिली। वरिष्ठ सर्जन डॉ. आशीष राय ने इस बारे में विस्तार से बताया कि बम ब्लास्ट में दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण इरफानुल्लाह ने अपने दाएं हाथ की चार अंगुलियां खो दी, और केवल तर्जनी अंगुली के सहारे अपना जीवन व्यतीत कर रहा था।

डॉ. आशीष राय ने बताया कि मरीज के बाएं पैर की तर्जनी अंगुली को अंगूठे के स्थान पर प्रत्यारोपित किया गया, मरीज के पैर की तर्जनी अंगुली को काटा गया और अंगूठे के स्थान पर जोड़ा गया। इस प्रोसीजर में इस बात की बहुत अधिक सावधानी बरतनी पड़ती है कि पैर की अंगुली हटाते समय हटाए जाने वाला टुकड़ा एवं शेष पैर से जुड़ी सभी अंग जैसे-दोनों के जोड़, नसें, आर्टरीज बिल्कुल स्वस्थ रहे ताकि ट्रांसप्लांट के बाद दोनों उचित तरह से काम कर सकें। सफल सर्जरी के बाद 22 वर्षीय इरफानुल्लाह ने कहा कि दुर्घटना के बाद से सर्जरी होने तक का समय मेरे लिए बहुत ही अधिक परेशानी भरा रहा। सिर्फ एक अंगुली होने के कारण मैं दाएं हाथ से कोई भी काम नहीं कर पा रहा था। मैं जेपी हॉस्पिटल के डॉक्टरों का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे इस लायक बना दिया।  

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