इमरान की पार्टी नेशनल असेंबली की सभी 33 सीटों पर चुनाव लड़ेगी

पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान ने नेशनल असेंबली की सभी 33 सीटों पर चुनाव लड़कर एक कीर्तिमान स्थापित करने का फैसला किया है;

Update: 2023-01-30 23:13 GMT

इस्लामाबाद। पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान ने नेशनल असेंबली की सभी 33 सीटों पर चुनाव लड़कर एक कीर्तिमान स्थापित करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि वह उन सीटों पर भी उपचुनाव लड़ेंगे, जो निचले सदन के सांसदों के इस्तीफे के बाद खाली हो गई हैं।

उपचुनाव 16 मार्च को होने हैं। यह इमरान खान द्वारा 33 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए अपनी पार्टी के एकल व्यक्ति होने का एक और रिकॉर्ड होगा। इससे पहले पिछले साल अक्टूबर में खान ने कम से कम आठ निर्वाचन क्षेत्रों के लिए चुनाव लड़ा था और छह सीटों पर जीत हासिल कर इतिहास रचा था।

पीटीआई के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी ने मीडिया के सामने कहा कि पार्टी उपचुनावों में इमरान खान को अपना उम्मीदवार बनाने के लिए पारस्परिक रूप से सहमत हो गई है।

कुरैशी ने कहा, "इन निर्वाचन क्षेत्रों के अन्य उम्मीदवार कवरिंग उम्मीदवारों के रूप में अपना नामांकन दाखिल करेंगे।"

यह फैसला पार्टी की संसदीय समिति की बैठक के दौरान विस्तृत चर्चा के बाद लिया गया। पीटीआई नेता ने कहा कि इस समय देश में संविधान का 'घोर उल्लंघन' हो रहा है। बुनियादी मानवाधिकारों और मौलिक अधिकारों के निलंबन के साथ-साथ देश की नाक में दम करने वाले हालात हैं।

कुरैशी ने कहा, "संविधान और मौलिक अधिकारों के हनन की ओर शीर्ष अदालत और राष्ट्रपति आरिफ अल्वी का ध्यान आकर्षित करने के लिए बैठक के दौरान कम से कम चार प्रस्ताव पारित किए गए।"

कुरैशी ने कहा, "चूंकि सरकार पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा, दोनों प्रांतों में चुनावों में देरी के लिए असंवैधानिक तरीके अपना रही है, यह संविधान का स्पष्ट उल्लंघन है और अनुच्छेद 6 के तहत दंडनीय है।"

कुरैशी ने जोर देकर कहा कि पीटीआई चुनावों में एक घंटे की भी देरी बर्दाश्त नहीं करेगी, क्योंकि उसने समय पर चुनाव सुनिश्चित करने के लिए संवैधानिक रास्ता अपनाते हुए अपनी दो सरकारों की कुर्बानी दी थी।

खान संघीय सरकार से देश में जल्द आम चुनाव की घोषणा करने की मांग कर रहे हैं। शहबाज शरीफ सरकार ने हालांकि उनकी मांग खारिज कर दी है।

खान ने कहा है कि वह फिर से सड़कों पर उतरेंगे और सरकार पर आम चुनाव कराने के लिए दबाव बनाने के लिए सिलसिलेवार विरोध प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि वह देश की पहले से ही सिकुड़ी हुई वित्तीय और राजनीतिक स्थिति को और कमजोर नहीं करने देंगे।

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