शोध की गुणवत्ता, विषयों के चयन और उससे प्रभावों में एथिकल कमेटी की अहम भूमिका
शिक्षकों एवं छात्रों को शोध हेतु विषय वस्तु का चयन, शोध के दौरान गुणवत्ता की परख तथा शोध में लगने वाला अनुमानित समय एवं शोधोपरांत भविष्य में उसका प्रभाव का आंकलन करने में एथिक्स कमेटी का बहुत बड़ा योगदान होता है;
ग्रेटर नोएडा। शिक्षकों एवं छात्रों को शोध हेतु विषय वस्तु का चयन, शोध के दौरान गुणवत्ता की परख तथा शोध में लगने वाला अनुमानित समय एवं शोधोपरांत भविष्य में उसका प्रभाव का आंकलन करने में एथिक्स कमेटी का बहुत बड़ा योगदान होता है।
उक्त बातें लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली के निदेशक एवं फार्माकॉलोजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. हरमीत सिंह रेहान ने आईटीएस डेंटल कॉलेज, हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर में कहा। नई दवाओं और नैदानिक परीक्षण नियमों और अच्छे नैदानिक अभ्यास दिशानिर्देशों का अनंतिम विषय पर आयोजित सेमिनार में संस्थान की एथिकल कमिटी के सदस्यों एवं शिक्षकों को संबाधित करते हुए कही।
डॉ. रेहान ने सेमिनार में उपस्थित एथिकल कमेटी के सदस्यों एवं शिक्षकों को सीख देते हुए कहा कि शोध की गुणवत्ता हेतु विषयों के चयन और उससे संबंधित सम्पूर्ण साक्ष्यों का संग्रहण तथा उसके परिणामों का भविष्य में प्रभावों का निर्धारण के अध्ययन में एथिकल कमिटी की बहुत अहम भूमिका होती है। इस अवसर पर संस्थान की एथिकल कमेटी की मैम्बर सेकेटरी डॉ. मौसमी गोस्वामी ने कमेटी के सदस्यों की भूमिका के बारे में विस्तारपूर्वक बताया।
संस्थान के प्रधानाचार्य डॉ. सचित आनंद अरोरा ने उम्मीद जताई कि डॉ. रेहान द्वारा मरीजों को देने हेतु दवाईयों का चयन करने में क्या-क्या ध्यान रखना चाहिए तथा मरीजों को दवा देने के पूर्व किस तरह के परीक्षण करना चाहिए पर दिए गए सीखों से संस्थान के शिक्षकों एवं छात्रों को काफी सहायता मिलेगी।
आईटीएस द एजूकेशन ग्रुप के उपाध्यक्ष सोहिल चड्ढा ने इस अवसर पर कहा कि इससे संस्था के छात्रों को उच्च दंड के विषयों के चयन करने एवं निर्धारित समय में कशलतापूर्वक समापन करने में काफी सहायता मिलती है।