हसदेव नदी में रेत का अवैध खनन धड़ल्ले से
नदियों के वास्तविक स्वरूप को बनाए रखने के लिए पर्यावरण विभाग ने रेत खदान में पोकलेन जैसी हैवी मशीनों को उतारने पर प्रतिबंध लगा दिया है;
मनेंद्रगढ़। नदियों के वास्तविक स्वरूप को बनाए रखने के लिए पर्यावरण विभाग ने रेत खदान में पोकलेन जैसी हैवी मशीनों को उतारने पर प्रतिबंध लगा दिया है। रेत खदानों में लोडिंग-अनलोडिंग का काम मेन्युअली करने के निर्देश दिए हैं, पर ठेकेदार पोकलेन मशीन से न केवल रेत का अवैध खनन करते हैं, बल्कि नदी के किनारों को काटकर बीच में बड़े-बड़े ह्यूमन पाइप बिछाकर रेत निकाल रहे हैं।
मनेंद्रगढ़ के तहत पंचायत पिपरिया के हस्तिनापुर, ग्राम पंचायत चैनपुर के चिमटीमार,कोथारी स्थित हसदेव नदी में हलफली नाला का पानी आकर मिलता है। वहां पर मशीनों से दिन-रात रेत का अवैध खनन रोजाना ट्रेक्टरों, हाईवा और मिनी डंफरों किया जा रहा है। ग्राम पंचायत कोथारी के ग्रामीणों ने बताया कि उनके यहां कहीं पर भी घोषित रेत खदान नहीं है। इसके बाद भी पिछले एक माह से यहां से भारी मात्रा में रेत ले जायी जा रही है। जानकारी सरपंच और सचिव को भी है, लोगों की मिली भगत से जीवनदायिनी हसदेव नदी का गला घोंटा जा रहा है।
मध्य प्रदेश के आमाडांड़ में बन रही सड़क के लिए ले जाते हैं यहां से रेत ग्राम पंचायत पिपरिया में हसदो नदी से रेत खनन कर पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश के आमाडांड़ में बन रही सीसी सड़क के लिए ठेकेदार ले जा रहे हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग से इसकी शिकायत चार दिन पहले मनेंद्रगढ़ वनमंडलाधिकारी जेआर नायक से की थी।
उनके निर्देश पर टीम ने पिपरिया स्थित हसदेव नदी से एक पोकलेन मशीन दो हाईवा को जब्त किया है, वर्मा कंस्ट्रक्शन कंपनी की बतायी गई है। केवल मनेंद्रगढ़ ही नहीं कोरिया जिले के दूरस्थ वनांचल क्षेत्र जनकपुर क्षेत्र में बनास व ओदारी नदी में पिछले कई माह से रेत का अवैध खनन कर उसे एमपी व यूपी के बड़े शहरों में बेचा जा रहा है। इस बात को लेकर विपक्षी दल भी सरकार को घेर रहे हैं।
शिकायत पर प्रशासनिक कार्रवाई हो रही है, लेकिन रेत का अवैध खनन व परिवहन की छवि को दागदार कर रहा है। पिपरिया के हस्तिनापुर में जिस स्थान पर पोकलेन जैसी हैवी मशीन का इस्तेमाल कर रेत का उत्खनन किया जा रहा था।
वहां का ज्यादातर हिस्सा राजस्व विभाग के अंतर्गत आता है, लेकिन राजस्व विभाग इस मामले में सब कुछ जानते हुए भी अंजान बना है। जिससे विभागीय अफसरों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। वहीं खनिज विभाग के बारे में ग्रामीणों का कहना है कि विभाग में कार्यरत् कर्मचारी मिश्रा का स्वयं का मिनी डंफर है।
जिससे लगाकर अवैध रेत खनन किया जा रहा है। पिपरिया महिला सरपंच सोनमती ने बताया कि जिस स्थल से अवैध रेत उत्खनन किया जा रहा है उस रेत खदान का ठेका मिले करीब एक साल बीत चुका है, बावजूद इसके राजस्व विभाग के ने आज तक उक्त खदान का सीमांकन तय नहीं किया गया है।
जिसका रेत माफिया पूरा फायदा उठा रहे हैं। उनके द्वारा पूरी हसदेव नदी को ही रेत खदान बना दिया गया है।