पीएमएमवीवाई में पति का आधार अनिवार्य नहीं
केंद्र प्रायोजित प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) की लाभार्थी को अब अपने पति के आधार विवरण प्रदान करने की आवश्यकता नहीं होगी;
नई दिल्ली। केंद्र प्रायोजित प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) की लाभार्थी को अब अपने पति के आधार विवरण प्रदान करने की आवश्यकता नहीं होगी। पीएमएमवीवाई को ओडिशा और तेलंगाना को छोड़कर सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया गया है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय केंद्र प्रायोजित प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) को लागू कर रहा है, जिसके तहत गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं (पीडब्ल्यूएंडएलएम) को तीन किस्तों में मातृत्व लाभ पहले बच्चे के लिए तीन किस्तों में प्रदान किया जा रहा है।
पीएमएमवीवाई के तहत मातृत्व लाभ प्राप्त करने के लिए, एक लाभार्थी को अब तक अपने और अपने पति के आधार विवरण प्रदान करने की आवश्यकता होती थी जो डेटाबेस में दर्ज होते हैं।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने बुधवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित की जा रही मां या गर्भवती महिलाओं के लिए अन्य योजनाओं के तहत ऐसी कोई आवश्यकता नहीं है। पीएमएमवीवाई को ओडिशा और तेलंगाना को छोड़कर सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया गया है। इस प्रवासी योजना का लाभ किसी भी राज्य व केंद्र शासित प्रदेश से उठाया जा सकता है।
इसके अलावा, योजना के तहत पंजीकरण के लिए, लाभार्थी को, अन्य बातों के साथ-साथ, मातृत्व लाभ प्राप्त करने के लिए अपनी और अपने पति की लिखित सहमति प्रस्तुत करना आवश्यक है।
नीति आयोग के विकास और निगरानी मूल्यांकन कार्यालय ने पीएमएमवीवाई सहित महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की केंद्र प्रायोजित योजनाओं का मूल्यांकन किया है और इसकी सिफारिशों पर विचार किया गया है, जिसके अनुसार यह परिकल्पना की गई है कि एकल मां और परित्यक्त मां को शामिल करने की सुविधा के लिए मिशन शक्ति के तहत पीएमएमवीवाई घटक के संशोधित दिशानिदेशरें में लिखित सहमति और पति का आधार अनिवार्य मानदंड नहीं है।