मानवाधिकार आयोग ने बंधुआ मजदूरी के मुद्दे पर प्रदेश सरकार ने नोटिस जारी किया

 तमिलनाडु में एक विद्युत करघा गोदाम में एक बंधुआ मजदूर की छह वर्षीय लड़की की करंट लगने से मौत होने के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बंधुआ मजदूरी के मुद्दे पर प्रदेश सरकार को कारण बताओ नोटिस जारी;

Update: 2018-01-12 12:38 GMT

चेन्नई । तमिलनाडु में एक विद्युत करघा गोदाम में एक बंधुआ मजदूर की छह वर्षीय लड़की की करंट लगने से मौत होने के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बंधुआ मजदूरी के मुद्दे पर प्रदेश सरकार को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है।

लड़की को उसकी बड़ी बहिन से मिलने गांव गये उसके माता-पिता की जमानत के तौर पर फैक्ट्री में रखा गया था।

गोदाम में लड़की की किसी कटे हुए तार के संपर्क में आने से मृत्यु हो गयी थी। गोदाम में बिजली का अवैध कनेक्शन था।

आयोग के अनुसार तमिलनाडु को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा गया है कि मृतका के परिजनों को तीन लाख रुपये की सांत्वना राशि के भुगतान की सिफारिश छह सप्ताह के अन्दर क्यों नहीं करनी चाहिये।

इसके बाद कोयंबटूर के जिला अधिकारी ने मृतका के परिजनों को बंधुआ मजदूर मानते हुए उनको रिहाई प्रमाण पत्र जारी कर दिया है।

उन्होंने बंधुआ मजदूरी अधिनियम 1976 के तहत उनके पुनर्वास को सुनिश्चित करने के लिये सख्ती से पालन करने और छह सप्ताह के अन्दर सांत्वना राशि के भुगतान का अनुपालन प्रतिवेदन जमा करने को कहा है।

जांच के दौरान आयोग ने पाया कि प्रदेश सरकार कोई ठोस तर्क पेश नहीं कर सकी कि उसने अवैध विद्युत कनेक्शन लेने वाले विद्युत करघा स्वामी के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं ले सकी।

 

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