एच.आर. कान्क्लेव में मंदी-एक मिथक या वास्तविकता पर विशेषज्ञों ने की चर्चा
जीएल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट में एच.आर. कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया, जिसमें दिल्ली एनसीआर के विभिन्न संस्थानों के लगभग दो सौ एचआर और शिक्षाविदों ने भाग लिया;
ग्रेटर नोएडा। जीएल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट में एच.आर. कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया, जिसमें दिल्ली एनसीआर के विभिन्न संस्थानों के लगभग दो सौ एचआर और शिक्षाविदों ने भाग लिया।
सोपरा बैंकिंग सॉफ्टवेयर इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील गोयल कॉन्क्लेव में मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने सभागार को संबोधित करते हुए कहा कि संस्था और कर्मचारी का पारस्परिक संबंध होता है। क्योंकि किसी भी संस्था की प्रगति में प्रतियेक कर्मचारी का महत्वपूर्ण योगदान होता है। इस लिए संस्था को बुरे दौर में भी सभी कर्मचारियों को अपने साथ जोड़े रखना चाहिए और उनकी संख्या में कमी नहीं करनी चाहिए।
सभी संस्थाओं को मंदी के दौर से निकलने के लिए उत्पादन वृद्धि, दैनिक कार्य अवधि में बढ़ोतरी, मेहनत और ईमानदारी से कार्य करने जैसे अन्य उपायों पर विचार करना चाहिए।
जीएलबीआईटीएम के निदेशक डॉ. मानस कुमार मिश्रा ने सभी अथितियों का स्वागत करते हुए कॉलेज की प्रगति और शिक्षण प्रणाली पर प्रकाश डाला। कॉन्क्लेव के दूसरे सत्र में प्रतिभागी विद्वान और विशेषज्ञों ने मंदी-एक मिथक या वास्तविकता और भारतीय कंपनियों पर इसका प्रभाव एवं प्रमुख संगठनात्मक परिवर्तन और रणनीति में एचआर की बढ़ती भूमिका जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की।
इस दौरान जीएल बजाज शिक्षण संस्थान की प्रशिक्षण और नियुक्ति निदेशक मंजू खत्री, उद्योग-शिक्षा संबंध के उपाध्यक्ष अनिल खत्री, और सभी विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।