दिल्ली सरकार ने न्यूनतम मजदूरी का उल्लंघन करने वालों पर शिकंजा कसा

कई सरकारी निजी निकायों में न्यूनतम मजदूरी नियमों के व्यापक उल्लंघन को देखते हुए दिल्ली सरकार ने अपने संबंधित उद्योगों में श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी कानून लागू करने के लिए कहा है;

Update: 2019-01-01 02:52 GMT

नई दिल्ली। कई सरकारी निजी निकायों में न्यूनतम मजदूरी नियमों के व्यापक उल्लंघन को देखते हुए दिल्ली सरकार ने सोमवार को अपने विभागों के प्रमुखों से अपने संबंधित उद्योगों में श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी कानून लागू करने के लिए कहा है। 

श्रम मंत्रालय ने 10 से 21 दिसंबर तक चलाए गए अपने दस दिवसीय 'ऑपरेशन न्यूनतम मजदूरी' के दौरान पाया कि कई कार्यस्थल न्यूनतम मजदूरी कानून का पालन नहीं कर रहे हैं। वे या तो समय पर मजदूरी नहीं दे रहे या कम मजदूरी का भुगतान कर रहे हैं और यहां तक कि बैंक खातों में मजदूरी की रकम का हस्तांतरण करने के बाद रकम को वापस ले रहे हैं।

सोमवार को जारी एक सलाह में श्रम मंत्रालय ने मुख्य सचिवों, सचिवों और दिल्ली सरकार के विभागों के प्रमुखों को कहा, "अपने-अपने विभागों के ठेकेदारों द्वारा अनुबंध पर रखे गए कामगारों/कर्मचारियों को समय पर वेतन दिया जाना सुनिश्चित करें।"

इस में कानून का उल्लंघन करनेवाले नियोक्ताओं और ठेकेदारों को दंड की चेतावनी भी दी गई है। 

सलाह में कहा गया, "इन प्रावधानों के किसी भी तरह का उल्लंघन पर श्रम कानूनों के तहत ठेकेदार और मुख्य नियोक्ता दोनों के खिलाफ अभियोजन/चालान किया जाएगा।"

सरकार विभिन्न श्रेणियों में कौशल के आधार पर मजदूरी तय की है। अकुशल मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी 14,000 रुपये प्रति महीने, जबकि अर्धकुशल मजदूरों के न्यूनतम मजदूरी 15,400 रुपये प्रति महीने और कुशल मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी 16,962 रुपये प्रति महीने तय की गई है। 

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