विभाजन के लिए कांग्रेस नहीं बल्कि हिन्दू महासभा, मुस्लिम लीग जिम्मेदार: आनंद शर्मा

राज्य सभा में कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा ने आज नागरिकता (संशोधन) विधेयक का पुरजोर विरोध करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इस आरोप को बेबुनियाद बताया;

Update: 2019-12-11 13:46 GMT

नयी दिल्ली। राज्य सभा में कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा ने आज नागरिकता (संशोधन) विधेयक का पुरजोर विरोध करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इस आरोप को बेबुनियाद बताया कि देश के विभाजन के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है बल्कि द्विराष्ट्र का सिद्धांत सबसे पहले हिन्दू महासभा और मुस्लिम लीग ने दिया था और इसमें ब्रिटिश सरकार की भी भूमिका थी।

LIVE: Rajya Sabha MP Shri @AnandSharmaINC speaks on the unconstitutional Citizenship Amendment Bill. #CABSeBharatBachaohttps://t.co/yaufgzD8gP

— Congress (@INCIndia) December 11, 2019

 शर्मा ने सदन में गृह मंत्री अमित शाह की ओर से पेश किये गये इस विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि हम इस विधेयक का केवल राजनीतिक रूप से नहीं कर रहे है बल्कि इसलिए इसके खिलाफ हैं क्योंकि यह संविधान की मूल भावना के न केवल विरुद्ध है बल्कि यह उसकी आत्मा को ठेस पहुंचाने वाला है और यह भारतीय गणतंत्र पर हमला है।

उन्होंने कहा कि 1937 में अहमदाबाद में हिन्दू महासभा के सम्मेलन में द्विराष्ट्र का सिद्धांत पहली बार पेश किया गया था जिसकी अध्यक्षता वीर सावरकर ने की थी। इसके बाद 1938 में मुस्लिम लीग की बैठक में भारत विभाजन का प्रस्ताव पारित किया गया था। विभाजन के पीछे अंग्रेजों की भी भूमिका थी। श्री शाह इन बातों का उल्लेख क्यों नहीं करते। वह विभाजन का दोष कांग्रेस पर क्यों लगाते हैं, यह गलत है। उन्होंने कहा कि इतिहास को बदला नहीं जा सकता।
कांग्रेस नेता ने कहा कि संविधान निर्माताओं ने नागरिकता के मुद्दे को बहुत गंभीरता से लिया था और इस पर व्यापक चर्चा की गयी थी, इसके बाद ही संविधान में इससे संबंधित प्रावधान किये थे। उन्होंने नागरिकता के मामले में धर्म को आधार नहीं बनाया था और क्या वह समझदार नहीं थे।
 

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