हिंदू संस्कृति विश्व का प्रतीक है: उपराष्ट्रपति नायडू
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भगवान वेंकटेश्वर के सपरिवार ‘नेत्र दर्शन’ कर लेने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए आज कहा कि अब वह नयी भावना के साथ और अधिक समर्पण से अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन करेंगे;
तिरुमला। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भगवान वेंकटेश्वर के सपरिवार ‘नेत्र दर्शन’ कर लेने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए आज कहा कि अब वह नयी भावना के साथ और अधिक समर्पण से अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन करेंगे।
नायडू ने भगवान बालाजी की पूजा-अर्चना के बाद संवाददाताओं से कहा हिंदू संस्कृति विश्व का प्रतीक है। जैसा कि रामानुजाचार्य जैसे संतों ने भी कहा था कि हिंदुत्व कोई धर्म नहीं है बल्कि एक जीवन शैली है। हमारा जीवन तभी सार्थक होगा जब हम दूसरों की मदद करेंगे यदि ऐसा नहीं कर सकते तो कम से कम दूसरों काे चोट न पहुंचाएं। ”
नायडू ने कहा,“ जियो और जीने दो। अपने सभी अहंकार, असमानताओं और भेदभाव को एक तरफ रखो तथा हमारे पूर्वजों के सिखाए ‘सर्व जन सुखिनोभवन्तु’ और ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के रास्तों पर चला जाय। सार्वभौम भाईचारे की इस अवधारणा पर लोगों को शांति और सद्भाव के साथ रहना चाहिए।”
नायडू ने कहा,“ मैं कभी-कभार ही भगवान के दर्शन के लिए आता हूं। हर आम व्यक्ति को भगवान के दर्शन का अवसर प्राप्त करना चाहिए।
मैंने बचपन में अपने परिवार और गांव के लोगों के साथ आया था लेकिन फिर भी जब भी मैं यहां आता हूं, तब भी मैं भगवान के दर्शन का अनुभव करता हूं। यही भगवान वेंकटेश्वर की महान शक्ति है। ”
नायडू ने कहा,“आज, पूरी दुनिया प्राचीन ज्ञान, संस्कृति, योग और आध्यात्मिक ज्ञान की वजह से हमारी आेर देख रही है क्योंकि ये सभी शांतिपूर्ण जीवन जीने के सिद्धांत हैं। ”
उपराष्ट्रपति ने मकरसंक्रांति पर लोगों को बधाई देते हुए कामना की कि संक्रांति हमारे जीवन में नयी रोशनी लाये।
సంక్రాంతి మన అందరి జీవితాల్లో నవ్య క్రాంతి తీసుకురావాలని, దేశ ప్రజలందరూ సుఖ శాంతులతో వర్ధిల్లాలి అని కోరుకుంటున్నా. pic.twitter.com/rdhWQpJXUd
Our heritage and culture are very rich. Our ancestors have always taught us to be helpful to everyone. We believe in the concept of "Sarve Janah Sukhino Bhavantu" pic.twitter.com/JgWhxnL4bC
Offered prayers at Tirumala Tirupati Devastham today pic.twitter.com/xljkUyGppF