बेंगलूरू और उत्तरप्रदेश में दलितों के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराध

देश में शहरों और राज्यों में दलितों के खिलाफ अपराध के सबसे ज्यादा मामले बेंगूलरू और उत्तर प्रदेश में होते हैं;

Update: 2017-12-06 23:40 GMT

नई दिल्ली। देश में शहरों और राज्यों में दलितों के खिलाफ अपराध के सबसे ज्यादा मामले बेंगूलरू और उत्तर प्रदेश में होते हैं।

राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो की ओर से जारी 2016 के आंकड़ों के अनुसार बेंगलूरु में दलितों के खिलाफ अपराध के दर्ज कुल 207 मामलों में से 190 मामले अनुसूचित जाति और जनजाति अत्याचार निरोधक कानून के तहत दर्ज किए गए। लेकिन इनमें से केवल 16 मामलों में ही भारतीय दंड संहिता की व्यवस्थाओं के तहत कानूनी कार्रवाई की गई।

इसी तरह बिहार की राजधानी पटना में दलितों के खिलाफ अपराध के कुल दर्ज 241 मामलों मे से एक दलित महिला के साथ दुष्कर्म का मामला ही केवल अनुसूचित जाति और जनजाति अत्याचार निरोधक कानून के तहत दर्ज किया गया जबकि बाकी 95 प्रतिशत मामलों को छोटे अपराधों की श्रेणी में डाल दिया गया।

जयपुर में दलिताें के खिलाफ अपराध के 291 मामले दर्ज हुए जिनमें से 43 दलित महिलाओं के खिलाफ अपराध के थे इनमें से ज्यादातर मामले दुष्कर्म के थे।

हालांकि 2014 की तुलना में यहां महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या 297 से घटकर 219 रह गयी। राज्यों की श्रेणी में दलितों के खिलाफ अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश का रिकार्ड सबसे खराब रहा।

साल 2016 में राज्य में दलितों के खिलाफ अपराध के कुल 10425 मामले दर्ज किए गए इनमें से दलित महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों की संख्या 3117 रही।

दूसरे नबंर पर बिहार का स्थान रहा जहां दलितों के खिलाफ अपराध के 5701 मामले दर्ज हुए जबकि राजस्थान में इनकी संख्या 5134 रही जिनमें से 641 मामले दलित महिलाओं के खिलाफ अपराध के रहे।  इनमे से 327 मामले दुष्कर्म के थे।

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