रात में गाजीपुर बॉर्डर पर हुआ हाई वोल्टेज ड्रामा, जानिए कैसे राकेश टिकैत के आंसूओं ने भर दी किसान आंदोलन में जान...
देश में इन दिनों किसान बनाम सरकार की लड़ाई चल रही है;
नई दिल्ली। देश में इन दिनों किसान बनाम सरकार की लड़ाई चल रही है। पिछले दो महीने से भी ज्यादा समय से राजधानी दिल्ली में देश के अन्नदाताओं ने केंद्र सरकार के द्वारा लाए तीन नए कृषि कानूनों का शांतिपूर्वक विरोध कर रहे थे। 26 जनवरी को इस आंदोलन में कुछ ऐसा हुआ जिसने सब कुछ बहल कर रख दिया। गणतंत्र दिवस पर हुई ट्रैक्टर रैली में हिंसा के बाद अब पुलिस बनाम किसान का खेल चल रहा है। जहां पुलिस एक्शन में हैं और एक के बाद एक सभी किसान नेताओं पर एफआईआर कर रही है तो वहीं दूसरी ओर किसान आंदोलन में भी दरार आ रही है। कल गुरुवार का दिन किसान आंदोलन के लिए आखिरी दिन हो सकता था लेकिन किसानों के जज्बे के आगे अंत में सरकार और पुलिस की भी नहीं चल पाई। कल रात में गाजीपुर बॉर्डर पर तैनात भारी पुलिस बल को देख कर तो लग रहा था मानो कोई बड़ी घटना हो गई हो लेकिन ये बस यहां आंदोलन कर रहे किसान नेताओं को हटाने के लिए तैनात थे। गाजीपुर बॉर्डर पर गुरुवार देर शाम से आधी रात तक हाईवोल्टेज ड्रामा चलता रहा। गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस और फोर्स की मौजूदगी इस ओर इशारा कर रही थी कि कल की रात आंदोलन के लिए निर्णायक रात होगी, मगर तभी राकेश टिकैत के एक प्रेस कॉन्फ्रेंस ने माहौल को बदल दिया।
टिकैत के आंसू बने टर्निंगप्वाइंट..
गाजियाबाद प्रशासन ने प्रदर्शनकारी किसानों को गुरुवार आधी रात तक यूपी गेट खाली करने का अल्टीमेटम दिया था, वहीं किसान नेता राकेश टिकैत अपनी मांग पर अड़े रहे और कहा कि वह आत्महत्या कर लेंगे लेकिन आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान टिकैत फूट-फूटकर रोते नजर आए। टिकैत ने अनशन का ऐलान किया और पानी गांव से ही पीने की बात कही थी। राकेश टिकैत ने साफ कह दिया था कि पुलिस चाहे तो हमें गिरफ्तार कर ले लेकिन हम आंदोलन खत्म नहीं करेंगे। राकेश टिकैत के इस अड़िग रवैये और उनके आंसू किसानों के इरादों को बदल देते हैं। अब नौबत यह आ जाती है कि रात में ही पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसान दिल्ली की ओर कूच कर दिया और अब आज सुबह धीरे धीरे यहां किसान इकट्ठा होने लगे हैं।
जी हां आज शुक्रवार को दिल्ली-उत्तर प्रदेश के गाजीपुर बॉर्डर आंदोलन तेज करने की तैयारी हो चुकी है और एक बार फिर किसान जमा होने लगे हैं। इसके बाद कई नेताओं ने किसानों का समर्थन किया है। जी हां आज समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राकेश टिकैत से बात करके उनका हाल चाल जाना है। वहीं आज संसद में शुरु हो रहे बजट सत्र में विपक्षी दलों ने सरकार को घेरने का मन बना लिया है। राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने का ऐलान कांग्रेस, आप और बसपा समेत कई प्रमुख विपक्षी पार्टियां कर चुकी हैं।
आपको बता दें कि भले ही कई किसान संगठनों ने अपने हाथ पीछे खींच लिए हों लेकिन गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत अभी भी कषि कानूनों को वापस लेने की अपनी मांग को लेकर बैठे हैं। गाजीपुर बॉर्डर से टिकैत के इस जोश को देखकर आज सिंघु बॉर्डर के किसानों ने भी ऐलान कर दिया है कि वो घर वापस नहीं जाएंगे। बता दें कि गाजीपुर, सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर भारी पुलिस बल तैनात हैं तो वहीं किसान भी अपने फैसले पर अड़िग हैं।