हरियाणा बोर्ड की परीक्षाएं कल से शुरू
नकल रहित परीक्षा के लिए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने एक और कदम उठाया;
पलवल। नकल रहित परीक्षा के लिए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने एक और कदम उठाया है। कल 7 मार्च से शुरू हो रही बोर्ड की दसवीं व बारहवीं कक्षा की वार्षिक परीक्षाओं में विद्यार्थियों को स्कूल यूनिफार्म में आना होगा। साथ ही उन्हें पहचान पत्र (स्कूल आईडी कार्ड) भी साथ लाना होगा। स्कूल आइडी कार्ड न होने की स्थिति में आधार कार्ड भी मान्य होगा। बोर्ड की ओर से सभी निजी, एडिड व सरकारी स्कूल मुखियाओं सहित शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इस संदर्भ में दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। यूनिफार्म में होने पर बच्चों की पहचान भी हो सकेगी कि यह किस स्कूल का बच्चा है। उल्लेखनीय है कि बोर्ड की परीक्षाओं में दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने के मामले साल दर साल बढते जा रहे हैं। ऐसे में अब बोर्ड ने पहचान पत्र के साथ साथ यूनिफार्म में आने के निर्देश दिए हैं। साथ ही बोर्ड की ओर से जारी रोल नम्बर पर बच्चे का आधार नम्बर भी अंकित होगा। हालांकि बोर्ड ने यह कदम नकल रहित परीक्षा सम्पन्न कराने के लिए उठाया है, परन्तु इससे केवल फर्जी परीक्षार्थियों पर ही अंकुश लग सकेगा। नकल पर अंकुश लगना असम्भव दिखाई दे रहा है। क्योंकि अधिकांश परीक्षा केंद्रों के बाहर परीक्षार्थियों को नकल पहुंचाने वालों का जमावडा लगा रहता है व इसके अतिरिक्तपरीक्षा केंद्र में तैनात कुछ सुपरवाईजर व सुपरीटेंडेंट की कथित मिलीभगत के चलते खुलेआम नकल चलती है।
खुलेआम नकल चलने के साथ साथ परीक्षार्थी गु्रपों में बैठकर नकल करते हैं। यह सब अधिकांश निजी स्कूल संचालकों द्वारा अपने स्कूली बच्चों के अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए परीक्षा केंद्रों पर तैनात लालची किस्म के सुपरवाइजर व सुपरीटेंडेंट से कथित मिलीभगत के चलते होता है। इसके अतिरिक्त परीक्षा केंद्र पर सुरक्षा के लिए तैनात कुछ पुलिस कर्मचारी भी बोर्ड की नकल रहित परीक्षाओं के दावों को फेल करने में लगे रहते हैं। स्वंच पुलिस कर्मचारियों को नकल देते हुए देखा जा सकता है या पुलिस कर्मचारियों से कथित रूप से सेटिंग कर परीक्षार्थी के परिजनों को परीक्षा केंद्र में नकल फैकने के लिए आसानी से आने जाने दिया जाता है। अब चूंकि बोर्ड ने नकल रहित परीक्षा सम्पन्न कराने के लिए यह एक नया कदम उठाया है। देखते हैं कहां तक सार्थक होता है।