हरपाल सिंह चीमा ने कहा -बार-बार जख्मों पर नमक छिड़क रही है कांग्रेस 

आम आदमी पार्टी (आप) की पंजाब इकाई ने 1984 के सिक्ख विरोधी दंगों के आरोपी कमलनाथ को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाये जाने का विरोध;

Update: 2018-12-13 18:23 GMT

चंडीगढ़ । आम आदमी पार्टी (आप) की पंजाब इकाई ने 1984 के सिक्ख विरोधी दंगों के आरोपी कमलनाथ को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाये जाने का विरोध करते हुए कहा कि कांग्रेस पीड़ित सिक्ख परिवारों को इंसाफ देने की बजाय बार-बार जख्मों पर नमक छिड़क रही है।

आप के यहां जारी ब्यान में पार्टी नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने आरोप लगाया कि कमलनाथ 1984 के सिक्ख विरोधी दंगों में शामिल थे और नानावटी कमीशन समेत मीडिया और दो न्यायिक जांच में कांग्रेसी नेता की स्पष्ट भागीदारी तथ्यों-सबूतों सहित सामने आई है, परंतु न तो कांग्रेस और न ही केंद्र में दो बार सत्ता का सुख भोगने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार जिसमें शिरोमणि अकाली दल (शिअद) शामिल था, ने श्री कमलनाथ को सजा दिलाने की हिम्मत दिखाई। 

 चीमा के अनुसार इसके विपरीत कांग्रेस की तरफ से सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर की तरह श्री कमलनाथ को बड़े-बड़े रुतबों के साथ मान-सम्मान देकर सिक्खों समेत समूचे इंसाफ पसंद लोगों का बार-बार मुंह चिढ़ाया जा रहा है।

चीमा ने कहा कि नानावटी कमीशन की रिपोर्ट में स्पष्ट दर्ज है कि पहली नवंबर 1984 को  कमलनाथ उन 4000 लोगों की हमलावर भीड़ का नेतृत्व कर रहे थे, जिसने रकाबगंज गुरूद्वारे के निकट आगजनी की और निर्दोष लोगों की जान ली। 

आप नेता ने कहा कि नानावटी कमीशन ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में श्री कमलनाथ को कालिन चिट नहीं दी थी। यहां तक कि पत्रकार संजय सूरी ने जहां नानावटी कमीशन के पास कमल नाथ की सिक्ख विरोधी दंगों में भागीदारी की गवाही दी तथा मिश्रा कमीशन के पास हलफिया बयान देकर अपने आरोपों को दोहराया। 

 चीमा के अनुसार मौके के गवाह और पीड़ित मुख्तियार सिंह ने भी यही आरोप लगाए कि श्री कमलनाथ हमलावर भीड़ का नेतृत्व कर रहे थे और भीड़ को निर्देश दे रहे थे। 

विधानसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि दो नवंबर 1984 के दिन अंग्रेजी के एक अखबार में खबर छपी थी जिसमें कमलनाथ की वहां दो घंटे मौजूदगी बताई गई। उन्होंने कहा कि इन सबूतों-तथ्यों के सामने श्री कमलनाथ की तरफ से बीस साल बाद दी गई सफाई कहीं नहीं टिकती।

आप नेता ने कहा कि उनकी पार्टी कांग्रेस के इस कदम की निंदा और विरोध करती है तथा पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से मांग करती है कि  कमलनाथ को मुख्यमंत्री न बनाया जाये। इसीके साथ श्री चीमा ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पार्टी प्रदेशाध्यक्ष सुनिल जाखड़ से सफाई मांगी है कि यदि  कमलनाथ बेकसूर हैं तो 2016 में उन्हें पंजाब में पार्टी का प्रभारी बनाये जाने के फैसले को वापस क्यों लिया गया।

श्री चीमा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि बिना किसी देरी के कमलनाथ के विरुद्ध मामले खुलवाकर समयबद्ध जांच करवाई जाए और  कमलनाथ को सजा दिलवाई जाए ताकि पीड़ितों को इंसाफ मिल सके। 

Full View

Tags:    

Similar News