जीएसटी का रिफंड नहीं मिलने से निर्यातकों के फँसे 6,000 करोड़

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में निर्यात के रिफंड के लिए बने मॉड्यूल के काम नहीं करने से निर्यातकों की छह हजार करोड़ रुपये की पूँजी फँसी पड़ी है जिसमें एक-तिहाई सिर्फ वाहन उद्योग का है;

Update: 2017-12-11 23:38 GMT

नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में निर्यात के रिफंड के लिए बने मॉड्यूल के काम नहीं करने से निर्यातकों की छह हजार करोड़ रुपये की पूँजी फँसी पड़ी है जिसमें एक-तिहाई सिर्फ वाहन उद्योग का है। 

सूत्रों ने बताया कि नवंबर तक के आँकड़ों के अनुसार, निर्यातकों के छह हजार करोड़ रुपये के रिफंड क्लेम हैं जो जीएसटी नेटवर्क के काम नहीं करने के कारण अटके पड़े हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने अब एक नया फॉर्म जारी किया है और दावा किया है कि यह मॉड्यूल सही से काम करेगा और इसमें कोई दिक्कत नहीं आएगी।

वाहन उद्योगों के संगठन सियाम के उपमहानिदेशक सुगातो सेन ने बताया कि संगठन के अनुमान के मुताबिक निर्यात पर जीएसटी रिफंड के रूप में वाहन उद्योग के दो हजार करोड़ रुपये फँसे हुये हैं। उन्होंने बताया कि इसमें एक अकेली कंपनी के 800 करोड़ रुपए हैं।

श्री सेन ने कहा कि जिन कंपनियों की घरेलू बिक्री अच्छी है उनके लिए यह उतनी बड़ी समस्या नहीं है जिनकी कि उन कंपनियों के लिए जिनकी घरेलू बिक्री कम है, लेकिन निर्यात ज्यादा है। उन्होंने कहा कि इससे उन्हें चल पूँजी की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि देश के कुल विनिर्माण जीडीपी में वाहन क्षेत्र का योगदान 49 प्रतिशत है तथा यह विनिर्माण में सबसे बड़ा क्षेत्र है।

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