'जीएसटी ने छोटे कारोबार को किया तबाह'

 कांग्रेस शासित राज्यों के वित्त मंत्रियों ने वस्तु एवं सेवा कर(जीएसटी) में व्यापक बदलाव लाने की जरूरत पर बल देते हुए आज कहा कि मोदी सरकार ने जल्दबाजी में जो जीएसटी लागू किया है;

Update: 2017-11-07 14:10 GMT

नई दिल्ली।  कांग्रेस शासित राज्यों के वित्त मंत्रियों ने वस्तु एवं सेवा कर(जीएसटी) में व्यापक बदलाव लाने की जरूरत पर बल देते हुए आज कहा कि मोदी सरकार ने जल्दबाजी में जो जीएसटी लागू किया है उसने देश के छोटे कारोबार का चक्का जाम कर दिया है।

पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, कर्नाटक के वित्त मंत्री कृष्णा बी गौड़ा तथा पुड्डुचेरी के मंत्री कमला कन्नन ने यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित विशेष संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जीएसटी को जिस ढंग से भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने लागू किया है ,उससे देश का छोटा कारोबारी तबाह हो गया है। लघु एवं मझोले कारोबार का चक्का थम गया है। 

उन्होंने कहा कि जीएसटी ने देश को तबाही तथा तब्दीली के दोराहे पर खड़ा कर दिया है और मोदी सरकार को ही अब तय करना है कि वह देश को किस मार्ग पर ले जाना चाहती है। उन्होंने कहा कि जीएसटी में बड़े स्तर पर सुधार लाने की जरूरत है और इस दिशा में सरकार को लचीला रुख अपनाकर कर स्लैब को ठीक कर छोटे कारोबारियों, लघु एवं मझोले उद्योगों तथा जन सामान्य को राहत देनी चाहिए। छोटे छोटे कारोबारियों को जीएसटी के दायरे में लाकर सरकार ने देश के आम आदमी को बर्बाद किया है। कांग्रेस सरकारों के वित्त मंत्रियों  ने कहा कि दुनिया के 160 देशों में जीएसटी लागू है और भारत में जीएसटी की दर सबसे ज्यादा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि निर्माण क्षेत्र में दो दो कर लोगों को देने पड़ रहे हैं।

भवन निर्माण के लिए 28 प्रतिशत कर की व्यवस्था और घर बनाने के बाद यदि कोई व्यक्ति किरायेदार रखता है तो फिर उसे 18 फीसदी जीएसटी देना होगा। इसी तरह से सिलाई मशीन पर 12 प्रतिशत जीएसटी है लेकिन उसके उपकरणों पर 18 तथा 28 प्रतिशत तक जीएसटी लगा दिया गया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद की अगली बैठक दस नवंबर को गुवाहाटी में हो रही है और उस बैठक में कांग्रेस शासित राज्यों के वित्त मंत्री जीएसटी की दर कम करने के लिए सरकार पर दबाव बनाएंगे।

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